Bihar Crime: बिहार में दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग, दो लोगों को लगी गोली, इलाक़े में मचा कोहराम

Bihar Crime: एक तरफ चुनावी शोर है तो दूसरी तरफ बिहार में हत्या का सिलसिला कम होता नजर नहीं आ रहा है।

दिनदहाड़े ताबड़तोड़ फायरिंग में फिर दो लोग उतारे गए मौत के घाट- फोटो : reporter

Bihar Crime: एक तरफ चुनावी शोर है तो दूसरी तरफ बिहार में हत्या का सिलसिला कम होता नजर नहीं आ रहा है। 72 घंटे में क्या आम क्या खास, चार लोगों का मर्डर हो चुका है। वहीं सासाराम शहर शनिवार की दोपहर बारूद की बू से थर्रा उठा। नगर थाना क्षेत्र के लंबेदार-सत्तेदार गेट के पास उस वक़्त अफ़रा-तफ़री मच गई, जब दो नौजवानों को नज़दीक से गोली मार दी गई। इस ख़ूनी खेल में घायल हुए युवक प्रियांशु पाठक और हिमांशु को तुरंत सदर अस्पताल सासाराम में भर्ती कराया गया। दोनों के हाथों में गोली लगी है, लेकिन हालात स्थिर बताए जा रहे हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक, यह हमला पुरानी अदावत और आपसी रंजिश का नतीजा बताया जा रहा है। दोनों युवक भवाडीह गांव के रहने वाले हैं और फ़िलहाल कंपनी सराय में किराए के मकान में रह रहे थे। बताया जा रहा है कि घटना के वक्त दोनों किसी निजी काम से बाज़ार की ओर निकले थे, तभी घात लगाए अपराधियों ने उन पर फायरिंग शुरू कर दी।

गोलियों की तड़तड़ाहट से पूरा इलाका दहल उठा। दुकानदारों ने शटर गिरा लिए, राहगीर इधर-उधर भागने लगे। चश्मदीदों का कहना है कि हमलावर दो बाइक पर सवार थे और उन्होंने बेहद सटीक निशाना साधते हुए वारदात को अंजाम दिया। वारदात के बाद हमलावर फ़रार हो गए।

घटना की जानकारी मिलते ही एसडीपीओ-1 दिलीप कुमार अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया और घटनास्थल से खोखे व रक्त के निशान बरामद किए। एसडीपीओ ने बताया कि मुख्य आरोपी की पहचान हो चुकी है और पुलिस जल्द ही उसे क़ानून के शिकंजे में ले लेगी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि सासाराम में इन दिनों रंजिशी गोलीबारी की वारदातें आम हो चली हैं। हर गली, हर नुक्कड़ पर असला लहराने वाले तत्व कानून को खुली चुनौती देते नज़र आ रहे हैं। प्रशासन की तमाम कोशिशों के बावजूद अपराधी बेख़ौफ़ हैं।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह मामला गैंग की पुरानी दुश्मनी से जुड़ा हो सकता है। फ़िलहाल इलाक़े में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी जारी है।सासाराम के लोगों के बीच इस वारदात ने ख़ौफ़ का माहौल बना दिया है। सवाल यह है कि आख़िर कब तक शहर की सड़कों पर खूनी हिसाब-किताब यूँ ही चलता रहेगा  और कानून का डर अपराधियों पर हावी होगा?

रिपोर्ट- रंजन कुमार