Bride and Groom: दुल्हन ने रचाई 20 से ज़्यादा शादियां, हर बार हुआ निकाह और उड़ाई जेवर और कैस ,रूप की मोहिनी निकली ठगनी
Bride and Groom: शादी की मिठास को लूट की साजिश में बदलने वाला लुटेरी दुल्हनों का गिरोह आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया।...
Bride and Groom: शादी की मिठास को लूट की साजिश में बदलने वाला लुटेरी दुल्हनों का गिरोह आखिरकार शनिवार को खुल्दाबाद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। इस साजिशी नेटवर्क में शामिल चार महिलाओं और तीन पुरुषों को गिरफ्तार किया गया है, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में 20 से ज़्यादा युवकों को दूल्हा बनाकर लूटा।
फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है इस गिरोह की कहानी।
योजनाबद्ध तरीके से दूल्हे तलाशे जाते थे — अविवाहित, निराश और जल्दबाज़। फिर होती थी मुलाकात, फर्जी कागजात, नकली रिश्तेदार और रिश्तों की चाशनी में डूबे झूठे वादे। शादी होते ही दुल्हन बन चुकी युवतियाँ नकदी, जेवर और भरोसा सब लूटकर चंपत हो जाती थीं।
कबूलनामा: दुल्हन बनीं, लूटा और चली गईं
पुलिस पूछताछ में गिरोह की चारों महिलाओं ने कुबूल किया कि उन्होंने अलग-अलग नाम और पहचान से शादी कर कम से कम 20 दूल्हों को ठगा है। किसी का घर लूटा, तो किसी का दिल तोड़ा और किसी की इज़्ज़त को ही मोहरा बनाकर रकम ऐंठी।
मुखबिर की सूचना पर हुआ भंडाफोड़
राजस्थान के अलवर निवासी गोपाल गुर्जर की शिकायत पर खुल्दाबाद थाने में मामला दर्ज हुआ था। उन्होंने आरोप लगाया कि शादी कराने के नाम पर उनसे ₹1.seventy five लाख की ठगी की गई। इसी केस की जांच के दौरान पुलिस को मुखबिर से जानकारी मिली, और फिर रेलवे क्रॉसिंग के पास दबिश देकर सातों आरोपी पकड़े गए।
गिरफ्तार हुए अभियुक्तों के नाम:शहाना (करेली),निशा कुमारी, प्रीति देवी (पीपलगांव),ममता भारतीय (झूंसी),आसिफ, मोहम्मद जैनुल (शाहगंज),श्रीराम गुर्जर (राजस्थान, अलवर)
फर्जी दस्तावेज़ों का जखीरा
गिरोह के पास से छह कूटरचित आधार कार्ड, ₹35,000 नकद और दर्जनों फर्जी दस्तावेज़ बरामद हुए हैं। हर कागज़ एक नई पहचान, एक नया झांसा। पूछताछ में सामने आया कि गिरोह का मास्टरमाइंड श्रीराम गुर्जर था, जो युवकों की तलाश करता और बाकी सदस्यों को सौंप देता।
दुल्हनों की विदाई बनी साजिश
कभी विदाई के नाम पर बीच रास्ते से गायब हो जाना, तो कभी बहाने से घर में घुसकर नकदी उड़ा ले जाना — हर केस में अलग स्क्रिप्ट, लेकिन एक जैसी नियति: दूल्हा ठगा, घर खाली।
सफेदपोशों की संलिप्तता की जांच
पुलिस को शक है कि इस गिरोह के तार कुछ सफेदपोशों से भी जुड़े हैं। मामले की गहराई तक जांच के लिए अब एफएसएल, डिजिटल फॉरेंसिक, और अन्य एजेंसियों की मदद ली जा रही है। मोबाइल फोन, नकली दस्तावेज़ और ठगी का सारा डिजिटल डेटा खंगाला जा रहा है।सवाल है कि दुल्हनों को कितने लोगों ने अब तक शादी का सपना दिखाकर सब कुछ खो दिया?