ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत की एक ओर बड़ी जीत ! पकिस्तान की हिरासत से 21 दिन बाद सकुशल लौटे BSF जवान पूर्णम कुमार शॉ
23 अप्रैल 2025 को फिरोजपुर सेक्टर में ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए बीएसएफ कॉस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ 21 दिन तक पाकिस्तान में बंधक रहे. वे बुधवार को सकुशल भारत लौट आए.
BSF Jawan: सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान पूर्णम कुमार शॉ बुधवार को पाकिस्तान ने सकुशल भारत को सौंप दिया. वे 23 अप्रैल से पकिस्तान की हिरासत में थे. आज सुबह 10:30 बजे कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ को अटारी-वाघा सीमा पर BSF द्वारा पाकिस्तान से वापस लाया गया. कांस्टेबल पूर्णम कुमार शॉ 23 अप्रैल 2025 को फिरोजपुर सेक्टर में ऑपरेशनल ड्यूटी के दौरान गलती से पाकिस्तान की सीमा में चले गए थे और उन्हें पाक रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था.
बीएसएफ कॉस्टेबल 21 दिन तक पाकिस्तान में बंधक रहे. इस बीच पहलगाम में आतंकी हमला और उसके बाद भारत- पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति में पूर्णम कुमार शॉ को लेकर चिंताएं बढ़ गई थी. हालांकि दोनों देशों के बीच शांति बहाली पर बनी सहमति के बाद अब पूर्णम कुमार शॉ की रिहाई हो गई जिससे उनके परिजनों ने राहत की सांस ली है. 182वीं बीएसएफ बटालियन के कॉन्स्टेबल पूर्णम कुमार शॉ भारत-पाकिस्तान सीमा के पास खेत के पास ड्यूटी पर थे. नियमित गतिविधि के दौरान वे अनजाने में भारतीय सीमा की बाड़ को पार कर पाकिस्तानी क्षेत्र में चले गए थे, जहां उन्हें पाकिस्तान रेंजर्स ने हिरासत में ले लिया था.
पूर्णम मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रिशरा के रहने वाले हैं. पूर्णम कुमार शॉ की पत्नी रजनी ने पति की रिहाई को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात की थी. रजनी ने चंडीगढ़ पहुंचकर बीएसएफ अधिकारियों से मुलाकात भी की थी. बीएसएफ अधिकारियों से आश्वासन मिलने के बाद वह अमृतसर होते हुए अपने बेटे, बहनों और देवर के साथ वापस कोलकाता लौट गई थीं.
उनकी पत्नी रजनी शॉ गर्भवती हैं। वह अपने पति के पाकिस्तान के कब्जे से छुड़ाने के लिए विभिन्न स्तरों पर गुहार लगा रही थीं.