केजरीवाल का "राजमहल" 4 करोड़ का पर्दा,11 लाख का ऑटोमैटिक टॉयलेट सीट,एक से एक चीज,लिस्ट देख उड़ जाएंगे होश....

पीडब्ल्यूडी ने अरविंद केजरीवाल के 6 फ्लैगस्टाफ रोड स्थित 'शीश महल' के सामानों की विस्तृत सूची जारी की। आलोचकों ने उनके विलासिता पर हुए भारी खर्च की निंदा की है।

केजरीवाल का "राजमहल" 4 करोड़ का पर्दा,11 लाख का ऑटोमैटिक टॉयलेट सीट,एक से एक चीज,लिस्ट देख उड़ जाएंगे होश....
अरविंद केजरीवाल का शीश महला- फोटो : SOCIAL MEDIA

Arvind Kejriwal sheesh mahal:दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक निवास 'शीश महल' पर हुए भारी खर्च ने एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) द्वारा जारी की गई इस संपत्ति की विस्तृत सूची में उन विलासितापूर्ण वस्तुओं का विवरण है, जिनका उपयोग केजरीवाल और उनका परिवार कर रहे थे। यह बंगला 6, फ्लैगस्टाफ रोड पर स्थित है और नौ साल तक उनका आधिकारिक निवास रहा।


पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट में क्या है?

पीडब्ल्यूडी की रिपोर्ट के अनुसार, केजरीवाल के 'शीश महल' में अत्यधिक महंगे उपकरण और विलासितापूर्ण सुविधाएं लगाई गई थीं, जिनकी कुल कीमत करोड़ों में है। इस रिपोर्ट के जारी होने के बाद, विपक्षी दलों ने केजरीवाल पर करदाताओं के पैसे के दुरुपयोग का आरोप लगाया है।


बंगले में मौजूद चीजों की लिस्ट इस प्रकार है


16 अल्ट्रा स्लिम स्मार्ट 4K टीवी, वॉयस कंट्रोल्ड - ₹64 लाख

स्मार्ट एलईडी - ₹19.5 लाख

ओसाडा फुल बॉडी मसाज चेयर - ₹4 लाख

8 मोटराइज्ड रेक्लाइनर सोफा - ₹10 लाख

स्मार्ट रेफ्रिजरेटर (इनबिल्ट टीवी और एआई विजन स्क्रीन के साथ) - ₹9 लाख

73-लीटर स्टीम ओवन - ₹9 लाख

सुपीरियर वाटर सप्लाई और सैनिटरी इंस्टॉलेशन - ₹15 करोड़

ऑटोमैटिक स्लाइडिंग सेंसर दरवाजे (लकड़ी और कांच) - ₹70 लाख

80 खिड़की के पर्दे - ₹4 करोड़ से ₹5.6 करोड़ के बीच


राजनीतिक विवाद और आलोचना

यह विवाद तब और बढ़ गया जब भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने इस मुद्दे पर केजरीवाल को आड़े हाथों लिया। उन्होंने केजरीवाल पर करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग कर खुद के लिए अत्यधिक विलासितापूर्ण वस्तुएं और सुविधाएं जुटाने का आरोप लगाया। विशेष रूप से TOTO स्मार्ट टॉयलेट सीट का जिक्र करते हुए, मालवीय ने दावा किया कि इसकी कीमत ₹10-12 लाख के बीच है, लेकिन यह सूची में शामिल नहीं है।






केजरीवाल के पहले के दावे और आज की हकीकत

2013 में, जब अरविंद केजरीवाल ने पहली बार सत्ता में कदम रखा था, उन्होंने वादा किया था कि वे और उनके मंत्री छोटे सरकारी फ्लैटों में रहेंगे और सरकारी बंगलों का उपयोग नहीं करेंगे। लेकिन अब उनके 'शीश महल' में विलासिता पर हुए भारी खर्च ने उनके उन वादों को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। केजरीवाल के इस महलनुमा बंगले के खिलाफ आलोचनाएं यह भी दर्शाती हैं कि आप के बड़े-बड़े वादे और उनके द्वारा प्रचारित सादगी आज की वास्तविकता में कहीं नजर नहीं आ रही है।

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