Land for Job : नौकरी के बदले जमीन घोटाला में लालू परिवार की बढ़ी मुश्किलें ! राउज एवेन्यू कोर्ट ने 78 आरोपियों पर निर्णायक चार्जशीट मामले में सुनवाई
लालू परिवार के लिए नौकरी के बदले जमीन घोटाले का मामला बड़ी परेशानी का सबब की तरह बन चूका है. शुक्रवार को इस मामले में एक अहम सुनवाई दिल्ली की राउज एवेन्यु कोर्ट में हुई.
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Land for Job : नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में शुक्रवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट महत्वपूर्ण सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने बिहार के पूर्व सीएम और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव, सरकारी कर्मचारियों सहित 78 आरोपियों के खिलाफ निर्णायक चार्जशीट पर संज्ञान लेने का आदेश सुरक्षित रखा है।
नौकरी के लिए जमीन घोटाला मामले में जो कुल 78 आरोपी हैं, उनमें 30 सरकारी कर्मचारी हैं। अब कोर्ट को 25 फरवरी को संज्ञान पर आदेश सुनाना है। सीबीआई ने कहा कि सभी सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिल गई है। ऐसे में अब कोर्ट को संज्ञान लेना है।
क्या है नौकरी के बदले जमीन घोटाला :
लालू यादव जब वर्ष 2004 से 2009 तक यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे उस दौरान उन पर रेलवे में ग्रुप डी कि नौकरी के बदले लोगों से जमीन लेने के आरोप लगे. इसी को लेकर बाद में उनके परिवार के कई सदस्यों के नाम आए कि उनके नाम पर जमीन ट्रांसफर हुआ. इसमें राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव के नाम भी शामिल रहे.
जनवरी 2024 में लालू और तेजस्वी से हुई थी पूछताछ
20 जनवरी 2024 को ED की दिल्ली और पटना टीम ने लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव से 10 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक, लालू से 50 से ज्यादा सवाल पूछे गए, जिनमें उन्होंने ज्यादातर जवाब 'हां' या 'ना' में दिए। पूछताछ के दौरान वे कई बार झुंझला भी गए थे। तेजस्वी यादव से 30 जनवरी को करीब 10-11 घंटे तक पूछताछ की गई थी।
क्या हैं आरोप?
सीबीआई के अनुसार, लालू यादव ने पटना के 12 लोगों को गुपचुप तरीके से रेलवे के ग्रुप डी पदों पर नौकरी दी और इसके बदले उनसे अपने परिवार के सदस्यों के नाम जमीनें लिखवा लीं। जांच एजेंसी का दावा है कि जिन उम्मीदवारों को नौकरी दी गई, उनके परिवार के सदस्यों ने लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती और हेमा यादव के नाम जमीन की रजिस्ट्री करवाई। ये प्लॉट्स नाममात्र की कीमत पर नकद भुगतान कर खरीदे गए।
सीबीआई की जांच और केस का दर्ज होना
सीबीआई को अपनी जांच में ऐसे सात उदाहरण मिले, जहां उम्मीदवारों को रेलवे में नौकरी तब मिली जब उनके परिवार ने लालू परिवार को अपनी जमीन हस्तांतरित की। इस मामले की प्रारंभिक जांच 2021 में शुरू हुई और बाद में इसे आधिकारिक केस में बदल दिया गया। अब इस घोटाले में लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, मीसा भारती और हेमा यादव आरोपी हैं, जिन पर राउज एवेन्यू कोर्ट में मुकदमा चल रहा है।
दिल्ली से धीरज सिंह की रिपोर्ट