Hanuman Temple: कहाँ हुई थी प्रभु राम और हनुमान जी की पहली मुलाकात? जानिए मिलन मंदिर का रहस्य

क्या आप जानते हैं कि प्रभु श्रीराम और महावीर हनुमान की पहली मुलाकात कहाँ हुई थी? यह सिर्फ एक पौराणिक घटना नहीं, बल्कि भारत के इतिहास और आस्था का अद्भुत संगम है।

Hanuman Temple

Yantroddharak Hanuman Temple : भारत में कई प्राचीन और विशाल हनुमान मंदिर हैं, जिनकी महिमा विश्व प्रसिद्ध है। सबसे बड़े और प्रमुख हनुमान मंदिरों में अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर का नाम आता है, जो भगवान राम की जन्मस्थली है और यहां उनके भक्त बजरंगबली जी विराजमान हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बजरंगबली और राजा राम की पहली मुलाकात कहां हुई थी? वह स्थान कितना पूजनीय होगा, जहां भगवान राम और हनुमान जी की पहली मुलाकात हुई होगी। उनकी मुलाकात का वर्णन ही काफी रोचक है।


कहते हैं कि जब भगवान राम 14 साल के वनवास के दौरान जंगल में अपनी पत्नी सीता की खोज कर रहे थे, तब उनकी मुलाकात हनुमान जी से हुई थी। हनुमान जी राजा सुग्रीव के कहने पर ब्राह्मण वेश में राम जी के पास उनका परिचय लेने गए थे। जब भगवान राम ने बताया कि वे अयोध्या नरेश दशरथ के पुत्र श्री राम हैं, तब हनुमान जी अपने असली रूप में आए और श्री राम की हनुमान से मुलाकात हुई। लेकिन भगवान श्री राम और हनुमान की मुलाकात कहां हुई थी और क्या आप उस स्थान पर जा सकते हैं, यह इस लेख में जानें।


कहां स्थित है राम-हनुमान मिलन मंदिर 

राम जी और हनुमान जी की पहली मुलाकात वर्तमान कर्नाटक राज्य के हम्पी शहर में हुई थी। इस खूबसूरत हम्पी शहर में हनुमान और राम जी के मिलन स्थल पर अब एक भव्य हनुमान मंदिर बनाया गया है। मंदिर का नाम यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर है। यंत्रोद्धारक शब्द का अनुवाद है, 'जिसने यंत्र धारण किया हो।' पूरे भारत से पर्यटक और श्रद्धालु यहां आते हैं और इस स्थान की शक्ति और भव्यता को महसूस करते हैं।

 

यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर का इतिहास 

मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर की स्थापना महान हिंदू ऋषि व्यास राज ने की थी। ऐसा कहा जाता है कि इस स्थान पर व्यास राज प्रतिदिन हनुमान जी की पूजा करते थे और कोयले से बजरंगबली जी की तस्वीर बनाते थे। ऋषि के पूजा करने के बाद तस्वीर अपने आप गायब हो जाती थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर हनुमान जी व्यास राज के समक्ष प्रकट हुए और उन्हें एक यंत्र के अंदर बजरंगबली जी की मूर्ति स्थापित करने का निर्देश दिया। रहस्यमयी यंत्र के बीच में विराजमान भगवान हनुमान की यह मूर्ति सभी ऊर्जाओं का स्रोत मानी जाती है।


मंदिर की विशेषता

विशेष बात यह है कि आमतौर पर हनुमान जी उड़ते हुए या द्रोणागिरी के साथ खड़े दिखाई देते हैं, लेकिन इस मंदिर में वे एक यंत्र के अंदर बैठे हैं और अपने हाथों में कुछ पकड़े हुए हैं।


यंत्रोद्धारक हनुमान मंदिर तक कैसे पहुँचें 

इस मंदिर को बंदर मंदिर भी कहा जाता है। जो अंजनेया पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। मंदिर एक गुफा के अंदर बना है। मंदिर तक पहुँचने के लिए 570 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं। हम्पी पहुँचने के लिए ट्रेन या बस से जाया जा सकता है। बैंगलोर या मैसूर से निजी कार या टैक्सी द्वारा यहाँ पहुँचा जा सकता है।

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