Bihar Teacher News:शिक्षा विभाग का मेगा ट्रांसफर, 9017 शिक्षकों का ट्रांसफर आदेश जारी, इंतज़ार हुआ ख़त्म

Bihar Teacher News: शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का सबसे बड़ा आधार तब होता है, जब शिक्षक अपने कार्यस्थल से संतुष्ट हों। इसी परिप्रेक्ष्य में बिहार शिक्षा विभाग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए चार चरणों में 31,115 शिक्षकों का पारस्परिक तबादला कर दिया...

शिक्षकों का सपना साकार- फोटो : Meta

Bihar Teacher News: शिक्षा व्यवस्था में बदलाव का सबसे बड़ा आधार तब होता है, जब शिक्षक अपने कार्यस्थल से संतुष्ट हों। इसी परिप्रेक्ष्य में बिहार शिक्षा विभाग ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए चार चरणों में कुल 31,115 शिक्षकों का पारस्परिक (म्यूचुअल) तबादला कर दिया है।गुरुवार को घोषित नवीनतम सूची में 9,017 शिक्षक-शिक्षिकाओं को पारस्परिक स्थानांतरण का लाभ मिला। इसके पहले तीन चरणों में 11 अगस्त तक ही 23,578 शिक्षक तबादले की इस प्रक्रिया से गुजर चुके थे। यानी महज डेढ़ महीने के भीतर हजारों शिक्षकों को उनकी पसंद की जगह पर कार्य करने का अवसर मिला है।

यह प्रक्रिया शिक्षा विभाग के 26 जून के आदेश से शुरू हुई थी, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि समान श्रेणी और समान विषय पढ़ाने वाले शिक्षक अधिकतम 10 शिक्षकों का समूह बनाकर आपसी सहमति से तबादला ले सकते हैं। विभाग ने इसके लिए ई-शिक्षा कोष पोर्टल खोला, जिससे स्थानांतरण की पूरी प्रक्रिया पारदर्शी और ऑनलाइन हो गई। पहले 10 जुलाई से जुलाई अंत तक पोर्टल खुला रहा, फिर 6 अगस्त से दोबारा यह सुविधा शिक्षकों को उपलब्ध कराई गई।

सबसे बड़ी बात यह है कि इस प्रक्रिया में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक विद्यालयों तक के शिक्षक शामिल हुए, जिससे लगभग हर स्तर पर कार्यरत शिक्षकों को राहत मिली। पुराने ढर्रे की तरह आदेश से थोपे गए स्थानांतरण के बजाय शिक्षकों को इस बार विद्यालय चयन का अधिकार स्वयं मिला। इससे एक ओर जहाँ पारिवारिक और व्यक्तिगत कारणों से परेशान शिक्षकों को राहत मिली है, वहीं दूसरी ओर विद्यालयों में स्थायी और संतुलित शिक्षण व्यवस्था की संभावना भी मजबूत हुई है।

राजनीतिक और प्रशासनिक दृष्टि से भी यह कदम महत्वपूर्ण है। लंबे समय से शिक्षा विभाग पर स्थानांतरण में पारदर्शिता और सुविधा की कमी को लेकर सवाल उठते रहे हैं। अब डिजिटल पोर्टल के माध्यम से हुई इस प्रक्रिया ने विभाग की छवि में सुधार किया है।

दरअसल, शिक्षा का आधार शिक्षक ही होते हैं। अगर वही अपने कार्यस्थल को लेकर संतुष्ट हों, तो शिक्षा की गुणवत्ता स्वतः बढ़ती है। यही कारण है कि इस बार के पारस्परिक तबादले केवल स्थानांतरण का आदेश नहीं, बल्कि शिक्षकों के मनोबल को नई ऊर्जा देने वाला कदम साबित हो रहे हैं।

बहरहाल बिहार में 31 हजार से अधिक शिक्षकों को मिला यह तबादला न केवल व्यक्तिगत संतोष का विषय है, बल्कि यह शिक्षा व्यवस्था को अधिक मानवीय, आधुनिक और व्यवस्थित बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।