Bihar Election 2025: दूसरे चरण में कास्ट फॉर्मूला हॉट, कई सीटों पर एक ही जाति के प्रत्याशी आमने-सामने, हारेंगा उम्मीदवार, जीतेगी कास्ट?

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा के दूसरे चरण में जाति समीकरण एक बड़ा फैक्टर बनकर उभरा है। 122 विधानसभा में से 32 विधानसभा सीटों पर एक ही उम्मीदवार आमने सामने हैं। तो कई सीटों पर यादव उम्मीदवारों का मुकाबला मुस्लिम प्रत्याशियों से हैं...

दूसरे चरण में कास्ट फॉर्मूला - फोटो : News4nation

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी तेज है। विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का प्रचार प्रसार आज खत्म हो जाएगा। 11 नवंबर को दूसरे और अंतिम चरण का मतदान होगा। दूसरे चरण में 20 जिलों के 122 सीटों पर मतदान होना है। दूसरे चरण में 1302 उम्मीदवार अपना किस्मत आजमा रहे हैं। इस बार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों के बीच जातीय समीकरणों को साधने की जद्दोजहद चरण पर है। 

दूसरे चरण में दिखेगा जातीय गणित का असर 

चुनावी मैदान में मुद्दों से ज्यादा जातीय गणित का असर देखने को मिल रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि दूसरे चरण का पूरा रण जातीय ध्रुवीकरण की दिशा में मुड़ गया है। इन 122 सीटों में से 32 सीटों पर मुकाबला एक ही जाति के प्रत्याशियों के बीच सिमट गया है। उदाहरण के तौर पर नरपतगंज, बेलहर, नवादा और बेलागंज की चार सीटों पर यादव उम्मीदवार आमने-सामने हैं- एक ओर एनडीए के तो दूसरी ओर महागठबंधन के उम्मीदवार। वहीं अररिया, जोकीहाट, बहादुरगंज और अमौर की सीटों पर मुस्लिम प्रत्याशी एक-दूसरे से सीधी टक्कर में हैं।

एक ही जाति के उम्मीदवार आमने-सामने  

इसी तरह तीन-तीन विधानसभा क्षेत्रों में धानुक, पासवान, राजपूत और मुसहर समुदाय के उम्मीदवारों के बीच भी आपसी मुकाबला देखने को मिल रहा है। फुलपरास, सिकटी, रुपौली में धानुक, कोढ़ा, पीरपैंती, बोधगया में पासवान, रामगढ़, औरंगाबाद, वजीरगंज में राजपूत, बाराचट्टी, सिकंदरा, रानीगंज में मुसहर जाति आमने सामने हैं। दो-दो सीटों पर ब्राह्मण, वैश्य और रविदास समुदाय के प्रत्याशी एक-दूसरे से भिड़ रहे हैं। वहीं, एक-एक सीट पर पातर, खरवार, संताल, कुशवाहा और भूमिहार जाति के उम्मीदवार भी अपनी ही जाति के प्रतिद्वंद्वियों को हराने की कोशिश में जुटे हैं।

राजद का MY समीकरण आमने-सामने 

राजद का एमवाई समीकरण भी आमने सामने है। करीब 4 विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के मुस्लिम प्रत्याशियों को एनडीए के यादव प्रत्याशी टक्कर दे रहे हैं। सुरसंड विधानसभा सीट पर नागेंद्र राउत(जदयू) के प्रत्याशी हैं जो यादव समाज से आते हैं उनका मुकाबला राजद प्रत्याशी अबु दोजाना से है जो मुस्लिम प्रत्याशी हैं। सुपौल विधानसभा सीट से जदयू प्रत्याशी विजेंद्र यादव मैदान में हैं उनका मुकाबला कांग्रेस उम्मीदवार मिन्नत रहमानी जो मुस्लिम समाज से आते हैं उनसे हैं। बायसी विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार विनोद यादव मैदान में हैं जिनका मुकाबला राजद प्रत्याशी अब्दुस सुभान से हैं। नाथनगर विधानसभा सीट से लोजपाआर के मिथुन कुमार मैदान में हैं जो यादव समाज से आते हैं उनका मुकाबल जियाउल हसन से हैं। ऐसे में इन विधानसभा सीटों पर यादव और मुस्लिम प्रत्याशी आमने-सामने हैं।    

राजनीतिक पार्टियों ने बदला राजनीतिक समीकरण 

राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि दोनों गठबंधनों की पारंपरिक जातीय पहचान के बावजूद दलों ने अपने उम्मीदवारों के चयन में व्यावहारिकता दिखाई है। वजह यह है कि अलग-अलग क्षेत्रों में सामाजिक समीकरण लगातार बदल रहे हैं। ऐसे में किसी भी पार्टी के लिए यह जोखिम भरा है कि वह किसी खास जाति या समुदाय को नजरअंदाज करे। यही कारण है कि जातीय रणनीति इस बार के चुनाव में पहले से कहीं ज्यादा गहरी और जटिल हो गई है। ऐसे में कई सीटों पर भले ही कोई प्रत्याशी हार जाएंगे लेकिन वहां जाति जीत जाएगी।