Bihar Election 2025: सीएम नीतीश को पहले चरण के नामांकन से पहले लगा बड़ा झटका, पूर्व मंत्री ने थामा तेजस्वी का हाथ, सियासी बवाल तेज
Bihar Election 2025: 10 अक्टूबर से पहले चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरु होने वाली है। इसके पहले ही सीएम नीतीश को बड़ा झटका लगा है। सीएम नीतीश के पार्टी के बड़े नेता ने जदयू से नाता तोड़ लिया है और राजद का हाथ थाम लिया है।
Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। सभी पार्टी चुनावी तैयारी में जुटे हैं इसी बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, कल यानी 10 अक्टूबर से पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया शुरु हो जाएगी। वहीं नामाकंन प्रक्रिया के शुरु होने से पहले ही सीएम नीतीश को बड़ा झटका लगा है। सीएम नीतीश के पूर्व मंत्री ने जदयू का साथ छोड़ राजद का दामन थाम लिया है। जदयू को छोड़ते हुए उन्होंने पार्टी पर गंभीर आरोप लगाया है।
सीएम नीतीश को लगा बड़ा झटका
दरअसल, बिहार सरकार के पूर्व आपदा मंत्री लक्ष्मेश्वर राय ने तेजस्वी की पार्टी राजद का दामन थाम लिया है। लक्ष्मेश्वर राय फिलहाल जदयू के अतिपिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष के रुप में कार्यरत थे। वहीं उन्होंने आज पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। चुनाव से पहले यह सीएम नीतीश के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को होना है वहीं दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। फिलहाल दोनों गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर माथा पच्ची जारी है।
अपने उद्देश्य से भटका जदयू
पूर्व मंत्री ने कहा कि, जदयू अपने उद्देश्य से भटक गया है। सीएम नीतीश का जो रुप रेखा था अतिपिछड़ा का अब वो नहीं रहा। सीएम नीतीश के हाथ में कुछ नहीं है। पार्टी का पूरा स्वामित्व अब एक आदमी के हाथ में हैं वो हैं संजय झा। केवस संजय झा का चलता है। सीएम नीतीश के बातों का महत्व नहीं है। उन्होंने कहा कि हम तेजस्वी के साथ आए हैं क्योंकि तेजस्वी में वो बात है वो अतिपिछड़ा के लिए काम करेंगे।
कौन है लक्ष्मेश्वर राय
लक्ष्मेश्वर राय गरीब किसान परिवार से आते हैं। ये मधुबनी जिले के लदनियां प्रखंड के ठाढी गांव के रहने वाले हैं, जो बाबूबरही विधान सभा के क्षेत्र के अंतर्गत है। लक्ष्मेश्वर राय वर्ष 2015 में हुए विधान सभा चुनाव में जदयू के टिकट पर लौकहा विधान सभा क्षेत्र से पहली बार चुनाव लड़ा और विधायक चुने गए। इन्होंने भाजपा प्रत्याशी प्रमोद प्रियदर्शी को पराजित किया था। जिसके बाद उन्हें आपदा प्रबंधन विभाग मिला। जानकारी अनुसार 2006 में हुए त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव में लक्ष्मेश्वर लदनियां प्रखंड स्थित जिला परिषद क्षेत्र संख्या-19 से जिला पार्षद बनने के लिए चुनाव लड़े लेकिन हार का सामना करना पड़ा। लेकिन इसी क्षेत्र से 2011 के चुनाव में जिला पार्षद चुने जाने में सफल रहे। जिला पार्षद पद पर रहते हुए 2015 में लौकहा से विधान सभा चुनाव लड़े और विजयी हुए। इसके बाद जिला पार्षद के पद से इस्तीफा दे दिया।
पटना से रंजन की रिपोर्ट