सीएम नीतीश के बेटे निशांत लड़ेंगे विधानसभा चुनाव ! जदयू ने की नालंदा जिले की इस सीट से सियासी आगाज की तैयारी
सीएम नीतीश के बेटे निशांत लड़ेंगे विधानसभा चुनाव ! जदयू ने की नालंदा जिले की इस सीट से सियासी आगाज की तैयारी
Nitish Kumar Son Nishant: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 इस बार एक नए सियासी परिवार के उदय की कहानी लिखने को तैयार है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत का सियासी पदार्पण होने को लेकर अब जो अटकलबाजियां चल रही थी उसमें एक बड़ा संकेत अब उनके चुनाव में उतरने को लेकर है. नीतीश कुमार के एकलौते पुत्र निशांत ने इस वर्ष कई मौकों पर मीडिया से बात की है. वे अपने पिता नीतीश कुमार के लिए बिहार की जनता से अपील करते रहे हैं कि उन्होंने 2005 से ही राज्य के विकास के लिए काफी काम किया. उन्हें बिहार की जनता को फिर से चुनाव में समर्थन कर जीत दिलाना चाहिए. वहीं निशांत से जब भी पूछा गया कि वे चुनाव में उतरेंगे या नहीं तो इस सवाल को वे टालते रहे हैं. लेकिन अब निशांत के चुनाव में उतरने को लेकर कई नेताओं ने समर्थन किया है.
नालंदा से लोकसभा सदस्य और जदयू के वरिष्ठ नेता कौशलेन्द्र कुमार ने भी इसे लेकर स्पष्ट कहा है कि निशांत को अब जदयू में अधिकारिक रूप से शामिल हो जाना चाहिए. उन्होंने नालंदा के इस्लामपुर विधानसभा सीट पर निशांत को चुनाव लड़ने का सुझाव दिया जहां से अभी राजद के राकेश कुमार रौशन विधायक हैं. कौशलेन्द्र की माने तो निशांत अगर इस्लामपुर से चुनाव में उतरते हैं तो उनकी जीत पक्की है. उन्हें जीत दिलाने के लिए जदयू कार्यकर्ताओं की पूरी तैयारी है.
इस्लामपुर है मजबूत गढ़
नालंदा का इस्लामपुर विधानसभा क्षेत्र शुरू से ही नीतीश कुमार के मजबूत समर्थन वाला गढ़ रहा है. वर्ष 2000 से ही इस्लामपुर सीट पर समता पार्टी और जदयू का कब्जा रहा है. हालांकि वर्ष 2020 के चुनाव में राजद को जीत मिली, बावजूद इसके जदयू का मानना है कि अभी भी इस्लामपुर में नीतीश कुमार का तीर निशाने पर लगेगा. यही करण है कि सांसद कौशलेन्द्र कुमार का मानना है कि निशांत को इस्लामपुर से चुनाव लड़ना चाहिए. नालंदा नीतीश कुमार का गृह जिला है और उनकी जाति के कुर्मी वोटरों की तादाद भी यहां बड़े स्तर पर है. इसका भी सीधा लाभ निशांत को चुनाव में इस्लामपुर में मिल सकता है.
जदयू में नीतीश के उत्तराधिकारी
जदयू से निशांत चुनाव में उतरें इसके कई कारण पार्टी नेता मानते हैं. एक नेता की माने तो नीतीश कुमार के बाद पार्टी की कमान कौन संभाले यह हाल के दिनों में चर्चा का विषय बना हुआ है. ऐसे में निशांत कुमार को न सिर्फ नीतीश का पारिवारिक उत्तराधिकारी माना जा रहा है बल्कि उन्हें जदयू के नेत्रित्वकर्ता के रूप में भी पार्टी का एक धड़ा देखता है. इसलिए उन्हें इस बार के विधानसभा चुनाव में इस्लामपुर से उतरने को लेकर पार्टी नेताओं में चर्चा है.
नीतीश कुमार की चुप्पी
सीएम नीतीश की छवि परिवारवादी राजनीति नहीं करने वाले नेता की रही है. विधायक, सांसद, केंद्रीय मंत्री से बिहार के सबसे लंबे अरसे तक मुख्यमंत्री रहने के बाद भी नीतीश कुमार के परिवार के किसी सदस्य को जदयू में राजनीति करते नहीं देखा गया. नीतीश कुमार शुरू से परिवारवादी राजनीति करने वालों पर बरसते भी रहे हैं. यहां तक कि निशांत के चुनाव में उतरने या जदयू की कमान सँभालने के सवाल को भी वे टालते रहे हैं. हालांकि अब जदयू नेताओं की ओर से निशांत को चुनाव में उतारने की मांग पर नीतीश कुमार का क्या निर्णय होता है, यह सबसे बड़ी सियासी गतिविधि होगी.