Bihar Congress Candidate List: महागठबंधन में मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के 6 उम्मीदवारों का ऐलान, सीटों की बाजीगरी में फंसी एकता, बिहार चुनाव में दिखने लगी दरार

Bihar Congress Candidate List: महागठबंधन के घटक दलों के बीच अब भी सीटों का मसला अटका हुआ है। कांग्रेस ने अपने छह नए उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए कुल 60 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है।

घमासान के बीच कांग्रेस के 6 उम्मीदवारों का ऐलान- फोटो : social Media

Bihar Congress Candidate List:  बिहार की सियासत एक बार फिर गरमाती नजर आ रही है। विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के लिए नामांकन की प्रक्रिया पूरी होने में अब सिर्फ़ एक दिन बाकी है, मगर महागठबंधन के भीतर असंतोष की चिंगारियाँ खुलकर लपटों में तब्दील होती दिख रही हैं। सीट बंटवारे को लेकर मोलभाव और मनमुटाव का जो सिलसिला शुरू हुआ था, वह अब सियासी बयानबाज़ी और भीतरखाने की नाराज़गी में बदल चुका है।

महागठबंधन के घटक दलों के बीच अब भी सीटों का मसला अटका हुआ है। कांग्रेस ने अपने छह नए उम्मीदवारों की सूची जारी करते हुए कुल 60 प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। नई लिस्ट में वाल्मीकिनगर से सुरेंद्र प्रसाद कुशवाहा, अररिया से अबिदुर रहमान, अमौर से जलील मस्तान, बरारी से तौकीर आलम, कहलगांव से प्रवीण सिंह कुशवाहा और सिकंदरा (सुरक्षित) से विनोद चौधरी को टिकट दिया गया है। इन नामों के साथ कांग्रेस ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह अपने दम पर मैदान में उतरने को तैयार है, चाहे सहयोगी दलों की नाराज़गी क्यों न झेलनी पड़े।

राजद और कांग्रेस के बीच तनातनी अब किसी से छिपी नहीं है। राजद जहां अधिक सीटों पर दावेदारी कर रही है, वहीं कांग्रेस भी अपने राजनीतिक वजूद को साबित करने के लिए पीछे हटने को तैयार नहीं। उधर, माले ने समय रहते अपने सभी उम्मीदवारों की घोषणा कर अनुशासन और तैयारी का परिचय दिया है। राजद ने सोशल मीडिया पर 52 उम्मीदवारों की डिटेल साझा की है, पर अब तक औपचारिक सूची जारी नहीं की है।

सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि महागठबंधन अब तक बिना मुख्यमंत्री चेहरे के ही चुनावी रण में उतरने जा रहा है। यह स्थिति कार्यकर्ताओं में भ्रम और मतदाताओं में अनिश्चितता पैदा कर रही है। हालाँकि कई दौर की बैठकों के बाद यह सहमति जरूर बनी थी कि इस बार गठबंधन में तीन डिप्टी सीएम होंगे, पर नेतृत्व का सवाल अभी भी अधर में है।

कुल मिलाकर बिहार की सियासत इस वक्त उबाल पर है। महागठबंधन का एकता-सूत्र बिखराव की कगार पर है। उम्मीदवारों के नामों की घोषणाएँ भले तेज़ी से हो रही हों, मगर अंदरखाने के समीकरण बताते हैं कि गठबंधन की राह अभी भी काँटों से भरी है। सियासत की यह जंग अब सिर्फ़ विपक्ष बनाम सत्ता नहीं, बल्कि ‘अपनों के बीच की खींचतान’ बन चुकी है।