Bihar Vidhansabha Chunav 2025: कांग्रेस की पुराने चेहरों पर नई बाजी! बक्सर से मुजफ्फरपुर तक पुराने रणबांकुरों को ही मिलेगा टिकट, महागठबंधन में सीटों का बंटवारा आज होगा तय!
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति का खाका तैयार कर लिया है। पार्टी इस बार नए चेहरों पर दांव लगाने के बजाय पुराने और आज़माए हुए नेताओं पर भरोसा जताने की तैयारी में है।
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार की सियासत में आज का दिन न सिर्फ एनडीए बल्कि महागठबंधन के लिए भी निर्णायक साबित हो सकता है। कांग्रेस पार्टी ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति का खाका तैयार कर लिया है। पार्टी इस बार नए चेहरों पर दांव लगाने के बजाय पुराने और आज़माए हुए नेताओं पर भरोसा जताने की तैयारी में है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस बक्सर, महाराजगंज, राजापाकड़, भागलपुर और मुजफ्फरपुर जैसी अहम सीटों पर अपने पुराने विधायकों को ही फिर से मैदान में उतार सकती है। पार्टी हाईकमान का मानना है कि ये नेता न सिर्फ इलाके में पहचान रखते हैं, बल्कि पिछले कार्यकाल में जनता के बीच अच्छा काम करने की छवि भी बनाए हुए हैं।
कांग्रेस ने भी अपने हिस्से की सीटों पर उम्मीदवारों के चयन को लेकर तैयारी तेज कर दी है। शुक्रवार को दिल्ली में पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की आठ घंटे लंबी मैराथन बैठक हुई, जिसमें बिहार के संभावित उम्मीदवारों के नामों पर गहन मंथन किया गया।बैठक की शुरुआत सुबह 11 बजे हुई और यह देर रात आठ बजे तक चली। बैठक में बिहार प्रभारी कृष्णा अल्लावारू, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम, विधायक दल के नेता डॉ. शकील अहमद खान समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। पटना से जुड़े कुछ नेता इस बैठक में ऑनलाइन माध्यम से जुड़े रहे।
सूत्रों के अनुसार, स्क्रीनिंग कमेटी ने उन विधानसभा क्षेत्रों पर खास फोकस किया जहां पहले दो या तीन नामों पर विचार चल रहा था। इन सीटों पर सभी आवेदनों की दोबारा जांच की गई, ताकि एक-एक सीट पर सबसे उपयुक्त उम्मीदवार को चुना जा सके।कांग्रेस इस बार कोई गलती नहीं दोहराना चाहती। पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें से केवल 19 ही जीत सके थे। यही वजह है कि इस बार पार्टी “क्वालिटी ओवर क्वांटिटी” के फॉर्मूले पर चल रही है।बैठक में उम्मीदवारों की लोकप्रियता, संगठन से निष्ठा, जनता के बीच पकड़ और पिछले कार्यकाल में किए गए काम जैसे बिंदुओं पर बारीकी से चर्चा की गई। इस प्रक्रिया के बाद लगभग 36 उम्मीदवारों के नामों को सूचीबद्ध कर लिया गया है। सूत्रों के मुताबिक इन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह आवंटित होने की संभावना है।
कांग्रेस नेतृत्व का मानना है कि हर सीट पर मजबूत उम्मीदवार उतारकर पार्टी न सिर्फ अपनी स्थिति मजबूत कर सकती है बल्कि महागठबंधन के भीतर भी प्रभावशाली भूमिका निभा पाएगी।पार्टी सूत्रों का कहना है कि अगले एक-दो दिनों में महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इसके बाद पहले चरण के उम्मीदवारों की सूची जारी की जाएगी, जबकि दूसरे चरण की घोषणा 15 अक्टूबर के बाद होने की संभावना है।
पार्टी इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। बिहार कांग्रेस नेतृत्व का कहना है कि हर सीट पर “मजबूत, योग्य और लोकप्रिय” उम्मीदवार को उतारा जाएगा। यही वजह है कि सभी विधानसभा क्षेत्रों से आए आवेदनों की दोबारा गहन जांच कराई गई है। दावेदारों के कार्यकाल, जनता से जुड़ाव, विकास कार्यों और संगठन के प्रति समर्पण को परखने के बाद नामों पर विचार हुआ है।कांग्रेस के सूत्र बताते हैं कि करीब 36 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम लगभग तय कर लिए गए हैं। इन्हें बहुत जल्द पार्टी का चुनाव चिन्ह भी आवंटित किया जा सकता है।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा था। पार्टी ने 70 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सिर्फ 19 ही जीत हासिल कर पाए थे। इस बार कांग्रेस नहीं चाहती कि वही गलती दोहराई जाए।महागठबंधन के भीतर भी कांग्रेस अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने की कोशिश में है। पार्टी चाहती है कि आरजेडी के मुकाबले उसका वज़न बढ़े और बिहार की राजनीति में उसकी पकड़ फिर से दिखाई दे।बहरहाल कांग्रेस इस बार “कम पर नहीं, सही” के फॉर्मूले पर चल रही है। पुराने सिपाही फिर से मैदान में उतरेंगे, और पार्टी को भरोसा है कि तजुर्बा ही जीत की नई इबारत लिखेगा।