Bihar vidhansabh Chunav 2025: होली से पहले चुनाव आयोग पहुंच रहा बिहार, सितंबर महीने में लग सकती है आचार संहिता

Bihar vidhansabh Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं और आयोग की टीम दो दिवसीय दौरे पर बिहार आ रही है। चुनाव नवंबर में हो सकते हैं, और तारीखों की घोषणा सितंबर के अंत तक संभव है। पढ़िए आगे...

बिहार विधानसभा चुनाव 2025
Election Commission is reaching Bihar- फोटो : social media

Bihar vidhansabh Chunav 2025:  बिहार में  चुनावी सरगर्मियां तेज है। माना जा रहा है कि होली से पहले चुनाव आयोग बिहार आएगा और चुनावी की तैयारियों को लेकर जायजा लेगा। आधिकारिक समीक्षा के बाद ही चुनाव आयोग चुनाव के तिथि की घोषणा करता है। सूत्रों की मानें तो सितंबर माह में ही प्रदेश में आचार संहिता लागू हो सकती है। मौजूदा एनडीए सरकार का कार्यकाल 1 नबंवर  तक है। इसके पहले बिहार में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। 2025 विधानसभा चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच होगा। एनडीए का दावा है कि बिहार में फिर  से उनकी सरकार बनेगी। तो वहीं महागठबंधन का दावा है कि इस बार बिहार में महागठबंधन की सरकार बनेगी और तेजस्वी यादव बिहार के अगले मुख्यमंत्री होंगे। सियासी सरगर्मी के बीच इस बार बिहार विधानसभा चुनाव रोमांचक होने वाला है। 

बिहार विधानसभा में एनडीए को बहुमत 

मौजूदा समय में देखें तो बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं। किसी भी गठबंधन को बहुमत के लिए 122 सीटों की आवश्कता है। फिलहाल बिहार विधानसभा में एनडीए को बहुमत हैं। एनडीए गठबंधन में शामिल बीजेपी के पास सबसे अधिक 80 सीटें हैं, जदयू के पास 45 सीटें हैं, हम के पास 4 तो निर्दलीय 2 सीट हैं। वहीं विपक्ष यानी महागठबंधन की बात करें तो राजद के पास विपक्ष में सबसे अधिर 77 सीट हैं, कांग्रेस के पास-19, भाकपा माले के पास-11, CPI(M) के पास 2, CPI के पास 2 और AIMIM के पास 1 सीट है। 

होली के बाद आयोग की टीम करेगी दौरा

दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव खत्म होते ही बिहार में राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। होली से पहले चुनाव आयोग की टीम बिहार का दौरा करेगी, जो आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी को लेकर पहली आधिकारिक समीक्षा होगी। सूत्रों के अनुसार, चुनाव आयोग की टीम बिहार में दो दिन तक रहेगी। इस दौरान पहली बैठक DM के साथ होगी, जिसमें चुनाव से जुड़ी तैयारियों की समीक्षा की जाएगी। इसके बाद, मुख्य सचिव और DGP के साथ अहम बैठक होगी, जिसमें इनकम टैक्स, उत्पाद विभाग और अन्य एजेंसियों के अधिकारी भी शामिल होंगे। बैठक में चुनाव से जुड़े सुरक्षा और लॉ एंड ऑर्डर के मुद्दों पर चर्चा होगी।

संभावित चुनावी कार्यक्रम

सूत्रों के मुताबिक, इस बार मतदान नवंबर में हो सकता है, क्योंकि दिवाली और छठ पर्व अक्टूबर में हैं। चुनाव आयोग संभवत त्योहारों के बाद ही मतदान कराएगा। चुनाव की तारीखों की घोषणा सितंबर के अंत तक हो सकती है। बुधवार को पटना में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी एच श्रीनिवास ने अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें मतदान प्रतिशत बढ़ाने और अन्य महत्वपूर्ण चुनावी तैयारियों पर चर्चा की गई।

चुनाव आयोग के बिहार दौरे के मुख्य एजेंडे

EVM की फर्स्ट लेवल चेकिंग (FLC), चुनाव में इस्तेमाल होने वाली EVM और VVPAT मशीनों की रैंडम जांच होगी। यह प्रक्रिया मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी की उपस्थिति में होगी। साथ ही फील्ड विजिट और समीक्षा बैठक। आयोग की टीम पटना में अधिकारियों के साथ बैठक करेगी। इसके बाद, टीम भागलपुर, मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों का दौरा कर चुनावी तैयारियों की समीक्षा करेगी।

बिहार के मतदाताओं का आंकड़ा

बिहार में कुल 7.80 करोड़ मतदाता हैं। इनमें 4.07 करोड़ पुरुष, 3.72 करोड़ महिला और 2,104 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। इसके अलावा, 1.65 लाख सर्विस वोटर्स भी शामिल हैं।

NDA बनाम महागठबंधन 

नवंबर में संभावित विधानसभा चुनाव में NDA और महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा। NDA में शामिल पार्टियां-भारतीय जनता पार्टी (BJP), जनता दल (यूनाइटेड) - JDU, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) , हम (सेक्युलर) - जीतन राम मांझी की पार्टी, राष्ट्रीय लोक मोर्चा - उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी। तो वहीं महागठबंधन में शामिल पार्टियों की बात करें तो राष्ट्रीय जनता दल (RJD), कांग्रेस, विकासशील इंसान पार्टी (VIP) - मुकेश सहनी की पार्टी, वामपंथी दल। वहीं सूत्रों की मानें तो लोजपा (पशुपति पारस गुट) भी चुनाव के पहले महागठबंधन में शामिल हो सकते हैं, हालांकि इसको लेकर फिलहाल आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन लालू प्रसाद यादव के बयान से संकेत मिले हैं कि पशुपति पारस की लोजपा भी महागठबंधन में शामिल हो सकती है। अगर कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ, तो चुनावी दिन तक यही गठबंधन बने रहने की संभावना है।

वोटर लिस्ट में बदलाव 

जनवरी 2025 में चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 4,09,434 वोटरों के नाम काटे गए हैं। इनमें- 1,71,421 महिला वोटर, 2,37,967 पुरुष वोटर. 46 ट्रांसजेंडर वोटर शामिल हैं। बिहार के 4 जिले – नालंदा, मधुबनी, किशनगंज और अररिया ऐसे हैं, जहां महिला वोटरों के नाम सबसे अधिक काटे गए हैं। 7.94 लाख नए वोटरों का नाम जोड़ा गया। हालांकि, चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि पिछले साल की तुलना में 7,94,466 नए वोटर जोड़े गए हैं। इससे साफ है कि वोटर लिस्ट में लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। दरअसल, दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान वोटर लिस्ट से नाम हटाने और जोड़ने को लेकर विवाद हुआ था। ऐसे में माना जा रहा है कि बिहार में भी चुनाव से पहले इस मुद्दे पर हंगामा होने की संभावना है। 

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