Bihar Vidhan sabha Chunav 2025: लालू ने बुलाई आपात बैठक , महागठबंधन में सीटों पर संग्राम! कांग्रेस और मुकेश सहनी की ज़िद से बढ़ा RJD पर दबाव
Bihar Vidhan sabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे की राजनीति गरमाती जा रही है। बढ़ते दबाव और अंदरूनी खींचतान के बीच राष्ट्रीय जनता दल ने शनिवार को अपने सभी वरिष्ठ नेताओं की आपात बैठक बुलाई है। इस अहम बैठक में तेजस्वी यादव के साथ पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव भी मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक, बैठक का मुख्य एजेंडा है सहयोगी दलों द्वारा सीटों की संख्या को लेकर बनाए जा रहे दबाव पर चर्चा करना और जल्द से जल्द कोई अंतिम फार्मूला तैयार करना।दरअसल, महागठबंधन की एक संयुक्त बैठक प्रस्तावित थी, लेकिन अचानक उसे टाल दिया गया। उसके तुरंत बाद आरजेडी ने अपनी आंतरिक बैठक बुलाई जो इस बात का संकेत है कि राजद अब सीट बंटवारे की रस्साकशी को अपने स्तर पर सुलझाने की कोशिश में है।
सूत्र बताते हैं कि महागठबंधन के भीतर सबसे बड़ा गतिरोध कांग्रेस और वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) की सीट मांग को लेकर है।कांग्रेस 70 सीटों से कम पर मानने को तैयार नहीं है, जबकि राजद का मानना है कि उसे इतनी सीटें देना "सियासी असंतुलन" पैदा कर सकता है।
वहीं वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने भी 30 से 40 सीटों की मांग रख दी है और साथ ही उपमुख्यमंत्री पद की इच्छा ज़ाहिर कर दी है जिससे स्थिति और पेचीदा हो गई है।राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि राजद ने वीआईपी को 14 सीटों का ऑफर दिया है, लेकिन सहनी इससे बेहद नाराज़ हैं।
बताया जा रहा है कि इसी मुद्दे पर गुरुवार देर रात मुकेश सहनी तेजस्वी यादव से मुलाकात करने पहुंचे, और दोनों के बीच करीब दो बजे रात तक लंबी बातचीत चली।मगर बैठक के बाद सहनी ने कोई बयान नहीं दिया, जिससे यह साफ है कि बात अभी बनी नहीं है।
कांग्रेस की तरफ से भी दबाव बढ़ रहा है। पार्टी का कहना है कि 2020 के चुनाव में भले प्रदर्शन कमजोर रहा हो, मगर महागठबंधन के वोट प्रतिशत में कांग्रेस की भूमिका अहम रही थी।इसी वजह से वह सीटों की संख्या में किसी कटौती को लेकर तैयार नहीं है।
अब निगाहें आरजेडी की आज यानी शनिवार की बैठक पर टिकी हैं जहां लालू और तेजस्वी मिलकर सीटों के गणित को साधने की कोशिश करेंगे।महागठबंधन की यह ‘आपात पंचायत’ तय करेगी कि साथी दलों की ज़िद को झुका पाना संभव है या लालू परिवार को ही कुछ बड़ा समझौता करना पड़ेगा।
रिपोर्ट- रंजन कुमार सिंह