Bihar Vidhansabha Chunav 2025: 'जाले विधानसभा की किसी माँ ने बच्चा पैदा नहीं किया जो...' मंत्री जीवेश मिश्रा के तंज, कांग्रेस को बताया बाहरी और महागठबंधन पर साधा तल्ख कटाक्ष
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: मंत्री जीवेश मिश्रा ने कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जाले विधानसभा की किसी माँ ने बच्चा पैदा नहीं किया जो कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सके।
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मी दरभंगा जिले के जाले विधानसभा क्षेत्र में अपने चरम पर पहुँच चुकी है। यहां भाजपा प्रत्याशी मंत्री जीवेश मिश्रा और कांग्रेस के प्रत्याशी ऋषि मिश्रा के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है। चुनावी माहौल पहले ही गर्म है, लेकिन मंत्री जीवेश मिश्रा के तल्ख बयान ने इसे और तेज़ कर दिया है।
भाजपा प्रत्याशी जीवेश मिश्रा ने कांग्रेस प्रत्याशी ऋषि मिश्रा को बाहरी उम्मीदवार करार देते हुए कहा कि वे दूसरे जिले से आकर जाले में दावेदारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आप सहरसा जिले के बलुआ से आकर जाले विधानसभा में कब्जा करना चाहते हैं, जबकि हमारे चुनाव प्रभारी के नियम हैं कि प्रभारी वही होगा जो दूसरी विधानसभा का निवासी हो।
इसके साथ ही मंत्री ने कांग्रेस पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जाले विधानसभा की किसी माँ ने बच्चा पैदा नहीं किया जो कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ सके। बाहर से आकर चुनाव लड़ना तो ठीक है, लेकिन बेनीपुर से आकर कोई ब्राह्मण का लड़का चुनाव प्रभारी बन जाये, तो आपके पेट में दर्द क्यों हो रहा है? उनके इन शब्दों ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है।
मंत्री जीवेश मिश्रा ने महागठबंधन पर भी निशाना साधा। उनका कहना था कि ये लोग 243 सीटों के बदले 2000 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं, इसे महागठबंधन नहीं बल्कि लठबंधन कह सकते हैं। आपस में ही वे लोग लड़ रहे हैं। गौरबौराम विधानसभा को देखिए, राजद से अफजल अली और VIP से संतोष सहनी दोनों को सिंबल दे दिया गया। हमारे विचार से जाले में भी दो उम्मीदवार को सिंबल दे देना चाहिए था, तभी दो दो हाथ होते।
जाले विधानसभा क्षेत्र में यह बयान चुनावी राजनीति की नई लकीर खींच रहा है। भाजपा की ओर से जीवेश मिश्रा ने अपने क्षेत्रीय दावेदारी और स्थानीय पहचान को जोरदार तरीके से उजागर किया है, वहीं कांग्रेस को बाहरी उम्मीदवार बताते हुए उनका तंज, चुनावी जंग में सियासी गर्माहट बढ़ा रहा है।
अब जनता की निगाहें इस सीट पर हैं कि स्थानीय बनाम बाहरी, और महागठबंधन की जटिलताओं के बीच किसका पलड़ा भारी होता है। जाले में इस बार चुनाव केवल मतों की लड़ाई नहीं, बल्कि पहचान और रणनीति की जंग भी बन चुका है।
रिपोर्ट- वरुण कुमार ठाकुर