RJD MLA ticket will cut: राजद के 18 सिटिंग विधायकों को नहीं मिलेगा टिकट! फाइनल लिस्ट जारी होने से पहले वन-टू-वन मंथन, नाम जान लीजिए
राजद के डेढ़ दर्जन से अधिक सीटिंग विधायकों के टिकट कटने की संभावना है। पार्टी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए नए जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश में गंभीरता से जुटी है।
RJD MLA ticket will cut: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो चुका है। 6 नवंबर को पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतगणना का महाकुंभ लगेगा। पिछले चुनावों के आंकड़ों को आधार मानें तो इस बार का चुनावी मैदान किसी ‘राजनीतिक जंग’ से कम नहीं। राज्य की सियासी फिजां पहले से ही गरम है और पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व की रणनीतियाँ अब पूरी तरह सक्रिय हो चुकी हैं।
राजद के डेढ़ दर्जन से अधिक सीटिंग विधायकों के टिकट कटने की संभावना है। पार्टी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए नए जिताऊ उम्मीदवारों की तलाश में गंभीरता से जुटी है। कई मौजूदा विधायकों का क्षेत्र बदला जा सकता है, जबकि कुछ सीटें सहयोगी दलों के हिस्से में जाने की संभावना है। इसके अलावा, हारे हुए उम्मीदवारों में से दर्जनभर से अधिक दावेदारों को भी इस बार बदलने की चर्चा जोरों पर है।
पिछले साल एनडीए सरकार के विश्वासमत के दौरान राजद के पांच विधायक पाला बदलकर सरकार के साथ हो गए थे। इनमें शिवहर के विधायक चेतन आनंद, भभुआ के विधायक भरत बिंद, सूर्यगढ़ा के विधायक प्रह्लाद यादव, मोहनियां की विधायक संगीता कुमारी और मोकामा की विधायक नीलम देवी शामिल हैं। वहीं नवादा की विधायक विभा देवी और रजौली के विधायक प्रकाश वीर भी भाजपा का दामन थाम चुके हैं। ऐसे में इन सातों सीटों पर राजद की ओर से नए उम्मीदवारों को उतारा जाएगा। इनमें से कुछ सीटें सहयोगी दलों को सौंपने की संभावना भी जताई जा रही है।
हसनपुर की सीट पर तेजप्रताप यादव को पार्टी ने छह साल के निष्कासन के बाद बाहर कर दिया है। यहां भी पार्टी किसी नए चेहरे को मैदान में उतारेगी। छपरा की तीन सीटों पर भी राजनीतिक तूफान की आशंका है। सोनपुर से डॉ. रामानुज प्रसाद, परसा से छोटे लाल राय और मढ़ौरा से जितेन्द्र कुमार राय पर बे-टिकट होने का खतरा मंडरा रहा है। हालांकि अंतिम फैसला लालू प्रसाद खुद करेंगे।
इस प्रकार, राजद की टिकटों की ताबड़तोड़ बाज़ी और सीटों का पुनर्वितरण पहले चरण की 121 सीटों पर चुनावी रणभूमि को और रोमांचक बनाता दिख रहा है। इस बार की लड़ाई में पुराने और नए चेहरों के बीच मुकाबला, गठबंधन समीकरण और व्यक्तिगत लोकप्रियता का खेल निर्णायक साबित होगा।