Jharkhand News: झारखंड में फर्जी दस्तावेज के आधार पर वनभूमि के जमीन पर बनाया रिसॉर्ट, सीआईडी ने दर्ज किया एफआईआर
Jharkhand News: झारखंड में वनभूमि के अवैध कब्जे से जुड़ा एक और मामला सामने आया है। इस मामले में आरोप है कि भू-माफियाओं ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वन भूमि की कई एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा कर लिया।

Ranchi: झारखंड में वनभूमि घोटाले को लेकर नित नए खुलासे हो रहे हैं। राज्य में बड़े पैमाने पर दस्तावेजों की हेरफेर कर सरकारी भूमि की लूट का फर्जी खेल खेला जा रहा है। वनभूमि घोटाले को लेकर बोकारो के पिंडराजोड़ा थाने में उमेश जैन, ललन पांडेय, राजस्वकर्मियों समेत अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को टेकओवर करते हुए नया केस दर्ज किया है। पूरे मामले की समीक्षा के बाद बोकारो-रामगढ़ फोरलेन पर वनभूमि को फर्जी दस्तावेज के आधार पर हड़पने और रिसॉर्ट निर्माण से जुड़े मामले की जांच शुरू कर दी है।
सीआईडी ने दर्ज की एफआईआर
सीआईडी ने इससे पूर्व बोकारो के सेक्टर-12 थाने में 103 एकड़ भूमि को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर हड़पने से जुड़े केस को टेकओवर किया था। सीआईडी द्वारा दर्ज केस के आधार पर ही ईडी ने भी ईसीआईआर दर्ज कर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू कर दी थी। साथ ही कार्रवाई करते हुए ईडी ने बीते दिनों झारखंड, बिहार के 16 ठिकानों पर छापेमारी कर 1.30 करोड़ नकद समेत दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस जब्त किए थे।
फर्जी दस्तावेज बनाकर करा ली रजिस्ट्री
पिंडराजोड़ा के खाता नंबर 317 के प्लॉट संख्या 3589 के तहत 21 एकड़ जमीन है, जिसमें 4.08 एकड़ जमीन वन और शेष 16.92 एकड़ का स्वामित्व राज्य सरकार के पास है। पूर्व में अंचल कार्यालय की जांच में पाया गया था कि 1956 में जमींदारी उन्मूलन के बाद इसके स्वामित्व को राज्य सरकार को दे दिया गया। उस जमीन पर किसी ने न तो लगान जमा कराया और न ही दावेदारी की थी। बाद में 1983 के तारीख का दस्तावेज बनवाकर जमीन की रजिस्ट्री करा ली गई।