Anthrax disease:तेजी से फैल रहा है एंथ्रेक्स, पशुओं से इंसान तक फैलने वाली बिमारी है गिल्टी , केंद्र की नई गाइडलाइन से हड़कंप

Anthrax disease:एंथ्रेक्स बीमारी त्वचा, श्वसन और पाचन तंत्र के जरिए इंसानों में पहुंच सकती है ..

तेजी से फैल रहा है एंथ्रेक्स- फोटो : social Media

Anthrax disease:गाय, भैंस, बकरी और भेड़ जैसे पालतू पशु अगर अचानक मर जाएं, उनके शरीर में सूजन आ जाए या मल के साथ खून निकलने लगे, तो यह सामान्य घटना नहीं है। यह खतरनाक बीमारी एंथ्रेक्स (गिल्टी रोग) का संकेत हो सकता है, जिसे लेकर केंद्र सरकार ने नई गाइडलाइन जारी की है। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे समय रहते इस बीमारी के लक्षणों को पहचानें और एहतियात बरतें, क्योंकि यह रोग इंसानों तक तेजी से फैल सकता है।

विशेषज्ञों के अनुसार, एंथ्रेक्स से संक्रमित पशुओं की अक्सर अचानक मौत हो जाती है। साथ ही,मल के साथ खून आना,शरीर में सूजन,और मौत के बाद उनके शरीर से खून बहना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।

जब ऐसा जानवर मर जाता है, तो उसके खून में मौजूद रोगाणु मिट्टी में मिलकर बीजाणु  में बदल जाते हैं। ये बीजाणु मिट्टी में सालों तक जिंदा रह सकते हैं और चराई के दौरान अन्य पशुओं को संक्रमित कर सकते हैं।

यह बीमारी त्वचा, श्वसन और पाचन तंत्र के जरिए इंसानों में पहुंच सकती है।त्वचा संक्रमण (Cutaneous Anthrax): इसमें खुजली वाला छोटा घाव बनता है, जो धीरे-धीरे काले फोड़े का रूप ले लेता है। यह अक्सर दर्द रहित होता है, जिस कारण लोग इसे अनदेखा कर देते हैं।

श्वसन संबंधी एंथ्रेक्स: संक्रमित बीजाणु सांस के जरिए शरीर में जाने पर तेज बुखार, कंपकंपी, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और गले की ग्रंथियों की सूजन पैदा कर सकते हैं।

पाचन तंत्र संबंधी एंथ्रेक्स: अगर कोई व्यक्ति संक्रमित मांस खाता है, तो उसे पेट दर्द, उल्टी, दस्त और यहां तक कि दांतों से खून आने जैसी गंभीर समस्या हो सकती है।

किसान,बूचड़खानों में काम करने वाले,ऊन और चमड़ा उद्योग से जुड़े मजदूर इस बीमारी की चपेट में सबसे ज्यादा आते हैं।क्योंकि ये लोग सीधे पशुओं, उनके खून या चमड़े के संपर्क में आते हैं, इसलिए इनके लिए सतर्कता सबसे जरूरी है।

किसी भी मृत पशु के शव को छूने या दफनाने से बचें।संक्रमित जानवर का मांस कभी न खाएं।खुले घाव वाले लोग बीमार पशुओं के संपर्क में न जाएं।अगर इंसानों या जानवरों में बताए गए लक्षण दिखें तो तुरंत नजदीकी डॉक्टर या पशु चिकित्सक से संपर्क करें।