High BP: खामोश महामारी अलार्म, हर चौथा शख़्स हाई ब्लड प्रेशर का मरीज़, नमक और जंक फूड बन रहे जानलेवा!, ये खाना रहेगा फायदेमंद

High BP: हाई ब्लड प्रेशर अब एक आम बीमारी नहीं, बल्कि एक खामोश महामारी बन चुका है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक देश में हर 4 में से 1 इंसान इस मलिकाना रोग से परेशान है।...

हर चौथा शख़्स हाई ब्लड प्रेशर का मरीज़- फोटो : reporter

High BP: हाई ब्लड प्रेशर अब एक आम बीमारी नहीं, बल्कि एक खामोश महामारी  बन चुका है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक देश में हर 4 में से 1 इंसान इस मलिकाना रोग से परेशान है। मेडिकल लैंग्वेज में इसे कार्डियो-वैस्कुलर जोखिम का सबसे बड़ा कारण माना जाता है, क्योंकि ब्लड प्रेशर बढ़ते ही दिल पर पैथोलॉजिकल प्रेशर बढ़ जाता है। इससे हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक, किडनी फेलियर तक का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है। हैरानी की बात यह है कि यह बीमारी सिर्फ बुज़ुर्गों में नहीं, बल्कि युवाओं और टीनएजर्स में भी तेजी से फैल रही है।

डॉक्टर्स का मानना है कि इसकी जड़ें हमारी रोज़मर्रा की लाइफस्टाइल में छिपी हैं गलत डाइट, स्ट्रेस, स्लीप डिस्टर्बेंस, मोटापन और आसीन आदतें। मेडिकल साइंस के मुताबिक, हाई बीपी पेशेंट्स मेंसंवहनी कठोरता बढ़ जाती है, यानी रक्त वाहिकाएं कठोर होने लगती हैं, जिससे दिल को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है।

हाई बीपी की सबसे बड़ी वजह सोडियम ओवरलोड है।आईजीआईएमएस के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ रोहित उपाध्याय कहते हैं कि ज्यादा नमक शरीर में पानी रोकता है और ब्लड वॉल्यूम बढ़ाता है। इसका मतलब ब्लड प्रेशर ऑटोमैटिकली हाई।

चिप्स, नमकीन स्नैक्स, अचार, पापड़, प्रोसेस्ड मीट, रेडी-टू-ईट नूडल्स, पैक्ड सूप में सोडियम की मात्रा खतरनाक स्तर तक होती है। ऐसे आइटम्स एथेरोस्क्लेरोसिस बढ़ाते हैं, यानी धमनियां सख्त और संकरी होने लगती हैं यह सीधे हार्ट और ब्रेन दोनों पर अटैक करता है।

IGIMS के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रोहित उपाध्याय बताते हैं कि तली-भुनी चीजें, बेकरी प्रोडक्ट्स, मैदा बेस्ड स्नैक्स, हाई शुगर वाली मिठाइयां, रेड मीट और ट्रांस फैट वाले फास्ट फूड दिल पर एक्स्ट्रा बोझ डालते हैं। पिज्जा, बर्गर, फ्रेंच फ्राइज, कार्बोनेटेड ड्रिंक्स राष्ट्रपति के आदेश की तरह—सीधे-सीधे नो एंट्री सूची में होने चाहिए।

हाई बीपी वाले क्या खाएं?

 कम नमक वाला खाना

 ताज़े फल और सब्जियां—विशेषकर पोटैशियम रिच (केला, नारियल पानी, पालक)

 ओट्स, दलिया, मल्टीग्रेन रोटी जैसे फाइबर रिच फूड

 लो फैट दूध और दही

 सरसों तेल, ऑलिव ऑयल जैसे हेल्दी फैट

 खूब पानी, कम तनाव, पूरी नींद

डॉ रोहित उपाध्याय कहते हैं कि सही डाइट कंट्रोल से दवा की ज़रूरत भी कम हो सकती है। यानी बिना आवाज़ किए शरीर को भीतर से मारने वाली इस बीमारी को हम रोज़ की थाली से हराया जा सकता है बस चुनाव समझदारी से करना होगा।