UP NEWS: 7 सालों में 221 कुख्यात बदमाशों के लिए काल बनी यूपी पुलिस, जानिए योगी सरकार में कितने हुए एनकाउंटर?

UP NEWS: 7 सालों में 221 कुख्यात बदमाशों के लिए काल बनी यूपी पुलिस, जानिए योगी सरकार में कितने हुए एनकाउंटर?

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पिछले 7 सालों में क्राइम कंट्रोल के मामले में नंबर वन पर है उत्तर प्रदेश में लगातार पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ जारी है अगर हम पिछले 7 सालों की बात करें तो अब तक प्रदेश में 221 बदमाश ढेर हो चुके हैं इस साल भी मुठभेड़ में बदमाशों की मारे जाने की यह पहली घटना है शामली में सोमवार को देर रात हुई मुठभेड़ में घायल निरीक्षक सुनील की हालत अब स्थिर बताई जा रही है वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बदमाशों से मुकाबले के दौरान इंस्पेक्टर सुनील के पेट में तीन गोलियां लगी थी उसे मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था उनका लगभग 7 घंटे तक ऑपरेशन चला लेकिन अब उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर एसटीएफ नोएडा यूनिट के प्रभारी एसपी राजकुमार मिश्रा मेदांता अस्पताल पहुंचकर उपचार के सभी प्रबंध देख रहे हैं सुनील के स्वजन भी उनसे मिलने वहां पहुंच रहे हैं।


सुनील पीएससी में प्लाटून कमांडर के पद पर तैनात हुए थे और वर्तमान में एसटीएफ की मेरठ इकाई में निरीक्षक के पद पर तैनात थे डीजीपी प्रशांत कुमार व एडीजी कानून व्यवस्था व एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने घटना की पूरी जानकारी ली है। इस साल 4 जनवरी को एसटीएफ ने मुरादाबाद में बदमाशों से मुकाबला कर जिओ फाइबर के मैनेजर अभिनव भारद्वाज को मुक्त कराया था मुठभेड़ में बदमाश की गर्दन में गोली लगी थी बदमाश ने हाथरस से मैनेजर को फिरौती वसूलने के लिए अगवा किया था तो वहीं दूसरी तरफ सोमवार रात शामली में एसटीएफ का सामना कुख्यात अपराधी अरशद वह उसके साथियों से हुआ।


इससे पहले बीते वर्ष पुलिस व एसटीफ ने 23 बदमाशों को मुठभेड़ के दौरान हमेशा के लिए खामोश कर दिया था यूपी एसटीएफ ने दिसंबर 2024 में लखीमपुर खीरी में तीन खालिस्तानी आतंकियों को भी मार गिराया था योगी सरकार में मार्च 2017 से अब तक पुलिस मुठभेड़ में लगभग 7.50 हजार अपराधी पुलिस की गोली लगने से घायल हो चुके हैं बदमाशों से मुकाबले में अब तक 17 पुलिसकर्मी की भी मौत हुई हैं। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद से बदमाशों में खौफ जैसा माहौल है क्राइम कंट्रोल तो हुआ ही है साथ ही कई बदमाश प्रदेश छोड़कर ही चले गए हैं।

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