1st Electric Expressway Of Bharat: 6 राज्यों से होकर गुजरेगा देश का पहला इलेक्ट्रिक एक्सप्रेसवे, इस पर डीजल पेट्रोल से नहीं बल्कि ऐसे चलेंगी गाड़ियां, 1350 किमी लंबे सड़क पर जल्द ही फर्राटा भरेंगे लोग...

1st Electric Expressway Of Bharat: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाला 1350 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे के हिस्से को इलेक्ट्रिक एक्सप्रेसवे की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यह 6 राज्यों से होकर गुजरेगा।

electric Expressway
country first electric expressway - फोटो : social media

1st Electric Expressway Of Bharat: देश की आर्थिक राजधानी मुंबई और राजधानी दिल्ली को जोड़ने वाला 1350 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे अब सिर्फ तेज सफर का साधन नहीं रहेगा, बल्कि देश के भविष्य को भी आकार देगा। जी हां, इस एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा अब इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए समर्पित होने जा रहा है। जानकारी अनुसार 1350 किमी लंबे दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के हिस्से को इलेक्ट्रिक एक्सप्रेसवे की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। यह एक्सप्रेसवे हरियाणा से लेकर सूरत तक जाएगा। जो 6 राज्यों से होकर गुजरेगा।  

क्या है खास इस एक्सप्रेसवे में?

8 लेन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर चलने वाले वाहन पेट्रोल या डीजल से नहीं, बल्कि बिजली से चलेंगे। आपने ट्रेन में देखा होगा कि ट्रेन ऊपर से बिजली लेती है, इसी तरह यहां भी सड़क के ऊपर बिजली की तारें होंगी। इन तारों से वाहनों में लगे एक विशेष उपकरण के जरिए बिजली ली जाएगी। केंद्र सरकार का मकसद दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को इलेक्ट्रित हाईवे या ई हाईवे  बनाने का है। 8 लेन के इस एक्सप्रेसवे के दोनों ओर एक-एक लेन इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बनाई जाएगी। इसके साथ ही दोनों ओर सुरक्षा कारण से 1.5 मीटर ऊंचा बैरियर बनाया जाएगा।

32 लीटर ईंधन की होगी बचत

जानकारी अनुसार इस एक्सप्रेसवे के स्लिप लेन के अंदर टोल प्लाजा बनाया जाएगा। इस परियोजना के शुरू होने से लगभग 32 लीटर ईंधन की बचत होने की संभावना है। साथ ही सोलर एनर्जी और स्टेट ग्रिड दोनों का इस्तेमाल करके एक्सप्रेसवे के किनारे लाइट की व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल, जर्मनी और स्वीडन में ट्रकों और बसों के लिए ऐसे ही हाईवे बनाए गए हैं।

इलेक्ट्रिक वाहन भरेंगे फर्राटा

इलेक्ट्रिक हाईवे प्रोजेक्ट को बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर योजना के तहत बनाने की योजना है। टाटा और सिमन्स जैसी कंपनियां इस प्रोजेक्ट पर काम करने की दिलचस्पी दिखा रही हैं। इलेक्ट्रिक हाईवे पर चलने वाले वाहन साधारण वाहनों से अलग होंगे। वैसे साधारण इलेक्ट्रिक वाहन बैटरी से चलते हैं और उन्हें चार्ज करने की जरूरत होती है। लेकिन, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे बैटरी से नहीं बल्कि, पेंट्रो के जरिए इंजन को ऊर्जा ट्रांसफर होगी।

कैसे होगा फायदा?

यह परियोजना पर्यावरण के लिए अच्छा साबित होगा। इससे प्रदूषण कम होगा और हवा साफ रहेगी। बिजली से चलने वाले वाहन सस्ते होते हैं, इससे लोगों की जेब पर बोझ कम होगा। बिना रुके लगातार सफर करने की सुविधा मिलेगी।  इस परियोजना से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।

कैसे काम करेगा?

आपने कभी सोचा है कि ट्रक बिना रुके कैसे हजारों किलोमीटर का सफर तय करते हैं? इस एक्सप्रेसवे पर भी कुछ ऐसा ही होगा। सड़क के ऊपर लगी बिजली की तारों से वाहन लगातार बिजली लेते रहेंगे। इससे वाहनों को बीच-बीच में चार्ज करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

क्यों है ये परियोजना खास?

यह परियोजना भारत को इलेक्ट्रिक वाहनों के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल प्रदूषण को कम करेगा बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाएगा।

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