बिहार एनडीए में ऑल इज नॉट वेल ! न मंत्रिमंडल विस्तार, ना कैबिनेट बैठक, ना ही लोकसभा सीटों का बंटवारा, किस मुश्किल में नीतीश सरकार
पटना. बिहार में एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण 28 जनवरी 2024 को हुआ था. नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और भाजपा कोटे से दो उप मुख्यमंत्री बने. वहीं 6 मंत्रियों ने शपथ ली. लेकिन सरकार बने हुए डेढ़ महीने से ऊपर हो चुके हैं, बावजूद इसके अभी तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हुआ है. यहां तक कि अब तो कैबिनेट बैठक भी पिछले दो सप्ताह से नहीं हुई है. इतना ही नहीं लोकसभा सीटों को लेकर एनडीए के घटक दलों के बीच बंटवारा भी लटका हुआ है. इन स्थितियों अब सियासी गलियारों में यह चर्चा भी आम है कि क्या बिहार एनडीए में ऑल इज नॉट वेल है.
दरअसल, सीएम नीतीश अधिकांशतः मंगलवार को कैबिनेट की बैठक बुलाते हैं. लेकिन पिछले दो सप्ताह से कैबिनेट बैठक नहीं हुई है. पिछले मंगलवार को नीतीश कुमार पटना से बाहर थे. लेकिन इस सप्ताह वे विदेश दौरे से वापस लौट आए हैं. बावजूद इसके मंगलवार को कैबिनेट बैठक नहीं हुई. नीतीश कुमार के पटना में होने के बाद भी कैबिनेट बैठक नहीं होने से विरोधियों द्वारा भी राज्य सरकार पर हमला किया जा रहा है. यह चर्चा लगातार बनी हुई है कि आखिर किन वजहों से कैबिनेट बैठक नहीं हो रही है. वह भी ऐसे समय में जब लोकसभा चुनावों की घोषणा होने में कुछ दिनों का समय शेष है. ऐसे में लोकसभा चुनावों के घोषणा के पूर्व कैबिनेट कोई बड़ा निर्णय ले इस पर सबकी निगाह थी. लेकिन दो सप्ताह से बैठक नहीं हुई है.
मंत्रिमंडल विस्तार भी अटका : नीतीश सरकार में बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख कब आएगी इसे लेकर संशय की स्थिति नहीं हुई है. सूत्रों का कहना है कि 15 मार्च को मंत्रिमंडल विस्तार हो सकता है. हालांकि इसे लेकर राज्य सरकार की ओर से अभी तक अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है. नीतीश सरकार में अभी तक दो उप मुख्यमंत्रियों के अलावा 6 मंत्री हैं. ऐसे में मात्र 9 लोग ही मंत्रिमंडल चला रहा है जिसमें एक खुद मुख्यमंत्री ही हैं. सरकार बने डेढ़ महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी अब तक मंत्रिमंडल विस्तार का नहीं होना कई तरह की अटकलबाजियों को जन्म दे रहा है. लोकसभा चुनाव की घोषणा के पहले अगर मंत्रिमंडल विस्तार नहीं होता है तो यह और ज्यादा लम्बा खिंच सकता है.
लोकसभा सीटों का बंटवारा भी नहीं : बिहार में लोकसभा की 40 सीटों को लेकर एनडीए के घटक दलों में अभी तक बंटवारा भी नहीं हुआ है. जदयू ने पिछले लोकसभा चुनाव में 17 सीटों पर चुनाव लड़ा था जबकि भाजपा भी 17 सीटों पर चुनाव में उतरी थी. वहीं 6 सीट लोजपा के खाते में गई थी. लेकिन इस बार एनडीए में भाजपा और जदयू के अलावा लोजपा के दोनों धड़े चिराग और पशुपति पारस, जीतन राम मांझी की पार्टी हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी शामिल है. खासकर चिराग और पशुपति के बीच अभी तक कोई सहमति नहीं बनी है.