हिंसा से धधक उठा बांग्लादेश, तड़प रहे हिन्दू बांग्लादेश बोर्डर पर हुए जमा, बीएसएफ ने रोका
बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद हालात से बद से बदतर होते जा रहे हैं. आरक्षण विरोधी आंदोलन हिंसक रूप ले चुका है. बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले की खबर है. 27 जिलों में घरों में घुसकर हिंदुओं के साथ मारपीट की गई है. हिंदुओं के घरों में आग लगाए जाने और दुकानें लूटे जाने की खबर है. कत्लेआम के साथ मंदिरों को आग के हवाले किया जा रहा है. हिंसा की आग में जल रहे बांग्लादेश में जगह- जगह धुआं उठ रहा है.
देश में दंगा, आगजनी, लूट, हत्या और हिंसा के बीच सेना सरकार गठन में व्यस्त है. शेख हसीना के इस्तीफे के बाद देश की कमान संभाल रही सेना, अराजक तत्वों के आगे बेबस नजर आ रही है. आरक्षण के विरोध में शुरू हुआ छात्रों का शांतिपूर्ण आंदोलन अब हिंसा और अराजकता की भेंट चढ़ चुका है. ढाका की सड़कों पर दंगाइयों ने जमकर उत्पात मचाया. दंगाई सड़कों पर उतर कर फायरिंग करते रहे। जहां भी हिंदुओं की दुकानें और घर नजर आई, आग लगा दी गई.
बांग्लादेश में बिगड़े हालात तो भारतीय सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है. अधिकारियों के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर अपनी सभी इकाइयों को 'हाई अलर्ट' पर रखा है.
बीएसएफ ने बताया कि सीमा पार से करीब 120 से 140 बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत में घुसने की कोशिश की लेकिन जवानों ने उन्हें रोक दिया. दार्जिलिंग के कदमतला में बीएसएफ मुख्यालय के अधिकार क्षेत्र में आने वाली उत्तरी बंगाल सीमा पर दो स्थानों पर बांग्लादेश के लोग एकत्रित हुए थे. उधर, मानिकगंज सीमा पर भी करीब 500 से 600 बांग्लादेशी नागरिकों ने भारत में घुसने की कोशिश की. बीएसएफ का कहना है कि सभी नागरिकों को वापस भेज दिया गया। अधिकारियों का कहना है कि सीमा पर हालात नियंत्रण में हैं.
हिंसा से प्रताड़ित सैकड़ों हिंदू बांग्लादेश बोर्डर पर जमा हो गए है. वे जय श्री राम का लगा रहे नारा लगा रहे है. इन्हें BSF ने रोक दिया है.