Bihar flood news : पटना में राजमार्गों पर बह रहा गंगा का पानी, मोकामा में डूबा गया NH, निचले इलाकों में भारी तबाही
Bihar flood news : गंगा नदी के खतरे के निशान के पार करने से पटना सहित नदी के किनारे वाले तमाम जिलों के निचले इलाके में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है. पटना जिले में शनिवार को कई जगहों पर गंगा नदी का पानी प्रमुख सड़कों पर आ जाने से सड़क मार्ग से लोगों को आने जाने में भारी परेशानी हो रही है. पटना के पूर्वी छोर मोकामा में गंगा नदी विकराल रूप धारण करते हुए हथिदह के पास राष्ट्रीय राजमार्ग को डुबा चुकी है. मोकामा प्रखंड में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 ओर राष्ट्रीय राजमार्ग 80 पर गंगा नदी का पानी कई किलोमीटर तक डुबो चुका है. इससे पटना से लखीसराय, मुंगेर और भागलपुर जाने वालों को कई किलोमीटर डूबी सड़क के रास्ते जाने को मजबूर होना पड़ रहा है. एनएच पर पानी आने से लोगों को आवागमन में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है.
हालांकि राहत कि बात है कि गंगा नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे से स्थिर बना हुआ है. जल संसाधन विभाग बिहार के अनुसार शनिवार सुबह 8 बजे गंगा नदी का जलस्तर पटना में सभी प्रमुख जगहों पर खतरे के निशान के पार हो चुका है. पटना के दीघाघाट में गंगा का जलस्तर 51.76 मीटर रिकॉर्ड किया गया जबकि खतरे का लेवल 50.45 मीटर है. वहीं गांधीघाट में खतरे का लेवल 48.60 मीटर है ओर यहां नदी का जलस्तर 50.28 मीटर पहुंच गया है जो खतरे के निशान से 1.68 मीटर ज्यादा है. वहीं पटना के पूर्वी छोर हथिदह में गंगा नदी के खतरे का जलस्तर 41.76 मीटर है जबकि बुधवार को नदी का लेवल 43.292 मीटर रिकॉर्ड किया गया जो खतरे के स्तर से करीब 1 फीट से ज्यादा है.
आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार गंगा नदी का जलस्तर स्थिर बना हुआ है. वहीं सोन सहित अन्य नदियों से गंगा में आ रहे पानी में कमी आई है. इससे अगले 24 से 48 घंटों के भीतर नदी के जलस्तर में कमी आने कि उम्मीद है. अगर ऐसा हुआ तो गंगा नदी का जलस्तर घटेगा और इससे पानी में घिरे या बाढ़ जैसी स्थिति का सामना कर रहे गंगा के किनारे वाले इलाको को बड़ी राहत मिलेगी.
पटना के कई गांवों में गंगा का पानी भर जाने से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पनाह लेनी पड़ी है. विशेषकर दियारा के इलाके में लोगों को भारी परेशानी हुई है. जिले के करीब 125 किलोमीटर में फैले दियारा के कई गांवों से हजारों लोगों का पलायन हुआ है और वे सुरक्षित जगहों पर तलाश लेने को घर-बार छोड़ चुके हैं. वहीं इन इलाकों में स्कूल को पहले ही बंद किया जा चुका है. इतना ही नहीं गंगा के उफनने से पशुओं के चारे का गंभीर संकट पैदा हुआ है.