Bihar News: बिहार सरकार ने खरीफ विपणन मौसम 2023-24 के तहत फोर्टिफाइड चावल उपलब्ध नहीं कराने वाले पैक्स (प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों) और व्यापार मंडलों के खिलाफ कार्रवाई का निर्णय लिया है। चावल जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2024 तक थी, लेकिन कई पैक्स अब तक चावल उपलब्ध नहीं करा सके हैं। आपूर्ति विभाग ने ऐसे पैक्स और व्यापार मंडलों के खिलाफ कानूनी और अनुशासनिक कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
मुख्य बिंदु:
चावल जमा करने की अंतिम तिथि 30 सितंबर 2024 थी। इसके बावजूद, कई पैक्स धान के समतुल्य फोर्टिफाइड चावल गोदामों में जमा करने में असफल रहे हैं। इसके बाद दोषी पैक्स, व्यापार मंडलों और राइस मिलों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। धान के बदले चावल जमा न करने की स्थिति में वसूली की जाएगी। संबंधित इकाइयों को काली सूची में डाला जाएगा।
विशेष निर्देश:
भौतिक सत्यापन: चावल का भौतिक सत्यापन सुनिश्चित करने का निर्देश जारी किया गया है। दोषी इकाइयों को खरीफ विपणन मौसम 2024-25 में धान अधिप्राप्ति से बाहर रखा जाएगा।यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी की सहभागिता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ भी अनुशासनिक कार्रवाई होगी।
सरकार का सख्त रुख
आपूर्ति विभाग के विशेष सचिव ने सहकारिता विभाग और सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि दोषी इकाइयों पर तुरंत कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। केवल फोर्टिफाइड चावल ही स्वीकार्य होगा। गुणवत्ता जांच के बाद ही चावल जमा करने की प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी।
दोषियों की पहचान
पैक्स अध्यक्ष, व्यापार मंडल, और राइस मिल संचालकों को चिन्हित किया जाएगा।दोषी इकाइयों को भविष्य में किसी सरकारी योजना से वंचित किया जा सकता है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि किसानों से खरीदे गए धान के बदले फोर्टिफाइड चावल जमा करने की प्रक्रिया में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह कदम खाद्य सुरक्षा और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।