बिहार की सियासत से बड़ी खबर, माननीय ने दे दिया था इस्तीफा! फिर सरकारी बंगले से बोरिया-बिस्तर बांधना कर दिया शुरू,सिर्फ 3 घंटे बाद....
 
                    PATNA: बिहार के राजनीतिक गलियारे से ब्रेकिंग न्यूज है।खबर है कि सियासत के धुरंधर खिलाड़ी ने चुनाव से ठीक पहले ही इस्तीफे का ऐलान कर दिया. माननीय ने अपना इस्तीफा का पत्र भी टाईप करा लिया और सरकारी बंगला से बोरिया-बिस्तर भी बांधना शुरू कर दिया।माननीय ने अपने मातहतों को आदेश दिया कि शाम 4 बजे तक बंगला खाली करना है. सो युद्ध स्तर पर सामान समेटने की कार्रवाई शुरू कर दी गई।माननीय ने अपना त्यागपत्र भी टाइप करा लिया और अपने कुछ विश्वसनीय मित्रों को इसकी सूचना दे दी।बस क्या था आनन-फानन में उनके कुछ शुभचिंतक उनके सरकारी बंगले पर पहुंच गए और फिर शुरू हुआ मान-मनौव्वल का खेल.
तीन घंटे वाली सियासत
यह वाक्या 2 दिन पहले यानि 28 जून की है। उस दिन दोपहर करीब तीन घंटे तक पटना के एक सरकारी बंगले पर यह राजनीतिक मजमा चलता रहा। पटना के आसपास के इलाके का प्रतिनिधित्व करने वाले माननीय के खास मित्रों को जैसे ही उनके इस्तीफे की बात पता चला तो वेलोग उनके सरकारी आवास पर पहुंचे।इनमें से एक तीरंदाज सांसद भी थे. जी हां ये वही एमपी साहब थे जिनकी सियासत में लोकतंत्र के खास मौके पर कुछ खास वजहों से अपना घर छोड़ने का संयोग बना था। वहीं दूसरे एक पूर्व मंत्री हैं. बताया जाता है कि इन दोनों नेताओं की इस्तीफा देने की तैयारी में लगे माननीय से खूब छनती है।इसके बाद घंटों मान-मनौव्ल का दौर चला।लेकिन माननीय मानने को तैयार नहीं हो रहे थे।वे अपने निर्णय पर अडिग थे।
इस्तीफे की पेशकश की खबर सुप्रीमो तक पहुंची
इसी बीच इस्तीफे वाली सियासत की खबर सुप्रीमो तक पहुंची।इस खबर के मिलते ही सुप्रीमो एक्टिव हो गए और डैमेज कंट्रोल की कोशिश के तहत माननीय को शाम में तलब किया गया ।शाम 6 बजे के करीब इस्तीफादाता अपने साहब के पास पहुंचे।इस मुलाकात के बाद माननीय बिल्कुल शांत हो गए मानो पहले कुछ हुआ ही न हो...।हालांकि बताया जाता है कि इससे पहले भी माननीय कई दफा सुप्रीमो को लेकर अपनी नाराजगी दिखा चुके हैं।एक समय तो माननीय का वीडियो भी वायरल हुआ था।जिसका खामियाजा भी इनको भुगतना पड़ा था।
पहले भी वीडियो हो चुका है वायरल
बताया जा रहा है कि कुछ लोगों ने माननीय को यह भी सूचना दे दी है कि आपकी परंपरागत सीट पर भी ग्रहण लगने वाला है।साथ ही हाल-फिलहाल के कुछ ऐसे मुद्दे रहे जिसमें माननीय कुछ ज्यादा ही आक्रामक और आत्मनिर्भर दिखाने की कोशिश में लग गए।लेकिन पता नहीं क्यों उनका आत्म विश्वास हिल गया और फिर इस्तीफे वाली सियासत कर बैठे।हालांकि राजनीति का इतिहास रहा है कि इस तरह के सियासत का प्रतिफल अच्छा होता नहीं है।
 
                 
                 
                 
                 
                 
                                         
                                         
                     
                     
                     
                    