Bihar : देश के महापुरुषों के नाम पर होंगे जेल के बैरक, मंडल कारा की सूरत बदलने की शुरू हुई कवायद

NAWADA : मंडल कारा नवादा के बंदी अब अपने देश के महापुरुषों व उनके गौरव गाथा को जानेंगे। इसके लिए कई स्तर से काम शुरू किया गया है। सबसे पहले जेल के सभी वार्डों का नामकरण महापुरुषों के नाम पर किया जा रहा है। अब यहां के वार्डों की पहचान बैरक 1,2,3.. की बजाय देश के महापुरुषों के नाम जाना जाएगा। महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, सरदार बल्लभ भाई पटेल, डॉ. भीमराव आंबेडकर, डॉ. श्रीकृष्ण सिंह, कर्पूरी ठाकुर, मदर टेरेसा, डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, वीर भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, दशरथ मांझी आदि माहपुरुषों के नाम पर वार्डों का नामकरण किया जा रहा है। मंडल कारा नवादा में कुल 23 बैरक हैं। इसमें अस्पताल वार्ड व महिला वार्ड भी शामिल है। इसके अलावा एक सेल घर भी है। अस्पताल वार्ड का मदर टेरेसा के नाम से रखने का प्रस्ताव है। महिला वार्ड का नामकरण सरोजनी नायडू के नाम पर करने की तैयारी है। वार्डों का नामाकरण के बाद आगे के लिए भी प्लान तैयार किया जा रहा है। इसके तहत जिस वार्ड का नामाकरण जिस महापुरूष के नाम पर होगा, उनकी जीवनी, व्यक्तित्व, कृतित्व से संबंधित एक क्वीज संबंधित वार्ड के बंदियों के बीच कराया जाएगा। बेहतर करने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।

 दरअसल मंडल कारा नवादा की स्थिति काफी बदतर थी। सूबे में हुई बदनामी के बाद यहां की व्यवस्था को सुधारने व कलंक कथा को मिटाने के लिए बेनीपट्टी से अभिषेक कुमार पांडेय को काराधीक्षक बनाकर नवादा भेजा गया। वे आते ही व्यवस्था को अपडेट करने में जुटे हैं। कोई एक माह के अंदर ही कारा परिसर के अंदर का हाल काफी कुछ बदल गया है। रोज नए प्रयोग किए जा रहे हैं। पहले दबंग किस्म के बंदियों को दूसरे जेलों में शिफ्ट किया गया। फिर जेल के अंदर की माफियागिरी को समाप्त कराया। कारा के अंदर जो भी नशीली पदार्थों का धंधा हो रहा था उसे बंद कराया। कारा परिसर के तमाम खाली पड़े स्थानों पर ट्रैक्टर चलवा दिया। जिससे जमीन के अंदर गाड़कर रखा गया तमाम नशीला पदार्थ मसलन गांजा, सिगरेट, बीड़ी,खैनी, तंबाकू आदि या तो मलबे में दब गया या फिर उसे बरामद कर लिया गया। कुछ मोबाइल भी इस दौरान बरामद होने की बात सामने आई थी। भोजन के लिए केंद्रीयकृत प्रबंधन किया गया। इसके तहत सभी बंदियों का भोजन एक ही रसोई में पकता भी है और उसे बंदियों के वार्डों तक पहुंचाया जाता है।

 काराधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय कहते हैं कि प्रयास है कि नवादा मंडल कारा पूरी तरह से सुधार गृह में तब्दील हो जाए। यहां के वार्डों की स्थिति असहज करने वाली थी। प्रशासनिक स्तर पर वार्डों की पहचान नंबर आधारित था। लेकिन बंदी अपने स्तर से भी कुछ नामाकरण कर रखे थे। जातियों के आधार पर वार्ड चिन्हित हो गए थे। इस व्यवस्था को खत्म करने के लिए छोटे-छोटे कदम उठाए जा रहे हैं। इससे जेल के अंदर के वातावरण में काफी कुछ बदलाव आएगा।

मंडल कारा नवादा में बंदियों के लिए कैंटिन खोला गया है। यहां कैदियों को जरूरत के सामान मसलन साबुन, सर्फ, टूथ ब्रश, टूथ पेस्ट, बिस्किट आदि उपलब्ध कराया गया है। कैंटिन का संचालन बंदियों के माध्यम से कराया जा रहा है। काराधीक्षक अभिषेक कुमार पांडेय ने बताया कि कैंटिन में जो भी सामग्री उपलब्ध है वह बंदियों को एमआरपी पर उपलब्ध कराई जा रही है। इससे बचत होने वाली राशि का 10 फीसद बंदी कल्याण कोष में जमा होगा। कैंटिन के सफल संचालन के लिए एक जेल कर्मी को बतौर पर्यवेक्षक प्रतिनियुक्त किया गया है। कैंटिन के संचालन में पूरी पारदर्शिता होगी ऐसा प्रयास किया जा रहा है।

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