'बंगाल वाली माल' से डर गई थी भाजपा ! पवन सिंह लड़ना चाहते थे आसनसोल से चुनाव, क्यों बीजेपी ने छीना टिकट- खोल दी पोल
पटना. लोकसभा चुनाव परिणाम के तीन महीने बाद अब भोजपुरी फिल्म अभिनेता और सिंगर पवन सिंह ने भाजपा को लेकर बड़ा खुलासा किया है. उन्होंने कहा है कि वे खुद पश्चिम बंगाल के आसनसोल से चुनाव लड़ने को तैयार थे. लेकिन भाजपा ने उन्हें टिकट देने के बाद टिकट लौटने का दबाव बनाया. इसी कारण उन्होंने आसनसोल से मिला भाजपा का टिकट लौटा दिया. पवन सिंह ने कहा कि उन्होंने लोकसभा टिकट लौटाया नहीं था बल्कि भाजपा के दबाद में आकर उन्होंने टिकट वापस कर दिया था.
'बंगाल वाली माल' का बवाल : एक पॉडकास्ट में बातचीत करते हुए पवन सिंह ने लोकसभा चुनाव में बंगाल के आसनसोल से चुनाव न लड़ने को लेकर भाजपा पर एक के बाद एक कई बड़े खुलासे किए. उन्होंने कहा कि उनके एक गाने को लेकर कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई थी. इसका भाजपा के भी कई नेताओं ने समर्थन किया था. पवन ने कहा कि 'बंगाल वाली माल' बोल वाला उनका गाया एक गाना है. इसे लेकर बंगाल के कुछ नेताओं ने आपत्ति जताई तो भाजपा को डर हो गया. इसी कारण उन्हें टिकट लौटाने को कहा गया. उन्होंने कहा कि बंद कमरे में कुछ भाजपा नेताओं के साथ बातचीत के बाद उन्होंने अपना टिकट लौटाने का फैसला किया.
भाजपा को दिया बड़ा झटका : पवन सिंह को भाजपा ने पश्चिम बंगाल के आसनसोल से लोकसभा चुनाव में उतारा था. हालांकि टिकट की घोषणा होने के बाद टीएमसी के कई नेताओं ने भाजपा के फैसले पर आपत्ति जताई थी. पवन सिंह पर पश्चिम बंगाल की महिलाओं को अपमानित करने के आरोप लगे तो अचानक से एक सोशल मीडिया पोस्ट में पवन सिंह ने टिकट लौटाने की घोषणा कर दी. हालांकि पवन सिंह ने तब कहा था कि उन्होंने अपनी माँ से वादा किया है कि वे चुनाव लड़ेंगे. उसके बाद पवन सिंह ने भाजपा को बड़ा झटका दिया और बिहार के काराकाट से निर्दलीय चुनाव में उतर गए.
काराकाट में किया करिश्मा : एक ओर जहां पवन सिंह ने काराकाट में निर्दलीय ताल ठोंकी. वहीं दूसरी ओर एनडीए की ओर से उपेन्द्र कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया गया. वहीं इंडिया गठबंधन की ओर से राजाराम कुशवाहा प्रत्याशी बने. पवन सिंह ने चुनाव में कड़ी टक्कर दी. वे जीतने भले सफल नहीं हुए लेकिन भाजपा की तमाम कोशिशों के बाद भी उपेन्द्र कुशवाहा चुनाव जीतने में सफल नहीं रहे. राजाराम कुशवाहा विजेता बने जबकि दूसरे नम्बर पर पवन सिंह रहे. वहीं उपेन्द्र को तीसरे पायदान पर रहना पड़ा. अब पवन सिंह ने पूरे चुनावी घटनाक्रम पर भाजपा की डर को लेकर खुलासा किया है और उनसे आसनसोल से टिकट छीनने की बात कही है.