सटीक जमीन सर्वे के लिए अमीनों का योगदान अनिवार्य, भूमि विवादों का होगा समाधान
Bihar Land Survey : बिहार में चल रहे व्यापक जमीन सर्वे में सरकारी अमीन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे न केवल जमीन की मापी करते हैं और नक्शे तैयार करते हैं, बल्कि जमीन से जुड़े तकनीकी पहलुओं के भी गहन ज्ञाता होते हैं। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने अमीनों को सर्वेक्षण और बंदोबस्ती कार्य के लिए अधिकृत किया है, जिससे उनकी जिम्मेदारी और बढ़ गई है।
अमीन को संबंधित ग्राम में सर्वेक्षण कार्य की अधिसूचना और उद्धोषणा के बाद इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करना होता है। पिछले खतियान की सहायता से प्रपत्र-5 में खतियानी विवरणी तैयार करना और खतियान अनुपलब्ध होने पर अन्य अभिलेखों की मदद से जमीन का पूरा विवरण तैयार करना अमीन की जिम्मेदारी है। सर्वे एजेंसी से प्राप्त मानचित्र में मुस्तकिलों और त्रि-सीमानों की पहचान कर उन्हें स्थल के अनुसार शुद्ध करना और ग्राम सीमा का सत्यापन करना। विवादास्पद और गैर सत्यापित भूमि का विवरण प्रपत्र-4 में तैयार करना। रैयत की वंशावली की मॉनीटरिंग करना और खेसरावार याददाश्त पंजी बनाना भी अमीन का ही काम है।
अमीन का काम खेसरा पंजी निर्माण में विभिन्न दस्तावेजों की मदद से दस्तावेज बनाना और खेसरों की नंबरिंग करना। गैर रैयती भूमि की विवरणी तैयार करना और मानचित्र में चिन्हित करना। प्रपत्र-7 में खानापुरी पर्चा तैयार करना, एरियल एजेंसी द्वारा निर्मित लैंड पार्सल मैप का वितरण और प्राप्त आपत्तियों की जांच सहित लगान निर्धारण सूची का निर्माण और प्रकाशन करना। आखिर में अधिकार अभिलेख में प्रविष्टि की कार्रवाई करना अमीन का काम है।
अमीन जमीन सर्वे का आधार होते हैं। वे अपने ज्ञान और अनुभव से जमीन संबंधी विवादों को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज और नक्शे भविष्य में जमीन से जुड़े विवादों के निपटारे में सहायक होते हैं। बिहार में जमीन सर्वे एक जटिल प्रक्रिया है, जिसमें अमीनों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। वे इस प्रक्रिया के हर चरण में शामिल होते हैं और अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हैं। अमीनों के कार्य से जमीन संबंधी रिकॉर्ड्स को अद्यतन रखने में मदद मिलती है और भविष्य में होने वाले विवादों को रोकने में सहायता मिलती है।