Bihar Chunav 2025: बिहार में नेपाल से आई दुल्हनों का मतदाता सूची से कटेगा नाम! आसान नहीं होगा अब वोट देना, जानिए क्या है नियम

Bihar Chunav 2025: बिहार में नेपाल से आई दुल्हनों का अब मतदाता सूची से नाम कटने के कगार पर है। अब नेपाली दुल्हनों को भारत में अपने मत का प्रयोग कर पाना मुश्किल होगा।

वोटर लिस्ट
वोटर लिस्ट से कटेगा नाम - फोटो : social media

Bihar Chunav 2025: बिहार के शिवहर जिले में नेपाल में शादी करने वाले भारतीय पुरुषों की पत्नियां इन दिनों चुनाव आयोग की नई गाइडलाइन के चलते परेशान हैं। सात साल से अधिक समय से मतदाता सूची में नाम दर्ज होने और कई बार मतदान करने के बावजूद अब इन महिलाओं को नागरिकता प्रमाणपत्र की शर्त पूरी करनी होगी।

बीएलओ भी असमंजस में

शिवहर के पुरनहिया निवासी विकास राम ने पिछले लगन में नेपाल से शादी की थी। अब जब निर्वाचन आयोग का विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण अभियान चल रहा है तो उन्हें समझ में नहीं आ रहा कि अपनी पत्नी का नाम मतदाता सूची में दर्ज कैसे कराएं या पहले से दर्ज नाम का सत्यापन किस दस्तावेज से कराएं।

11 हजार से अधिक ऐसी महिलाएं

जिले में ऐसे मामलों की संख्या कम नहीं है। अनुमान के मुताबिक शिवहर में करीब 11 हजार महिलाएं हैं जिनका मायका नेपाल में है। बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) भी इस विषय में स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे। हालांकि सरकारी नियमों के अनुसार, इन महिलाओं को मतदाता सूची में नाम बनाए रखने या जुड़वाने के लिए विवाह प्रमाणपत्र और भारतीय नागरिकता प्रमाणपत्र देना होगा।

पुरानी वोटर भी दहशत में

पुरनहिया प्रखंड के दोस्तियां गांव के रामकुमार साह की पत्नी रानी देवी सात साल पहले नेपाल से ब्याह कर आई थीं। उनका नाम मतदाता सूची में पहले से दर्ज है। वे लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनावों में मतदान भी कर चुकी हैं। इसके अलावा सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ भी उठा रही हैं। लेकिन निर्वाचन आयोग की ताजा गाइडलाइन के बाद उनके पति रामकुमार साह चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि, नागरिकता प्रमाणपत्र की प्रक्रिया बेहद लंबी है। कई स्तरों पर जांच होगी। इसमें छह माह से भी अधिक का समय लग सकता है। इस दौरान बैंक खाता तक सीज हो सकता है और कोई अधिकार नहीं रहेगा।

यह हैं नियम

सहायक निर्वाची पदाधिकारी सह एसडीओ अविनाश कुणाल ने बताया कि भारतीय नागरिक से विवाह करने के बाद विदेशी नागरिक नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए शर्त है कि विवाह कम से कम सात साल पूर्व हुआ हो। पिछले 12 महीने से लगातार भारत में रह रहे हों और पिछले 14 वर्षों में कम से कम 11 वर्ष भारत में निवास किया हो।

आवेदन की प्रक्रिया ऑनलाइन 

आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन है। आवेदक को विवाह प्रमाणपत्र, भारतीय जीवनसाथी की नागरिकता का प्रमाण, पासपोर्ट, निवास प्रमाणपत्र आदि अपलोड करने होंगे। इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा विस्तृत सत्यापन कर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

1987 के बाद जन्मी नेपाली महिलाओं के लिए अनिवार्य नागरिकता प्रमाण

जिलाधिकारी विवेक रंजन मैत्रेय ने कहा कि निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, नेपाल में शादी करने वाले भारतीय पुरुषों की पत्नी, जिनका जन्म 1987 के बाद हुआ है, उन्हें भारत में मतदाता बनने के लिए नागरिकता प्रमाणपत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।