बेतिया में 'स्लीपरमैन' के रूप में मशहूर डॉ. उपेन्द्र स्कूली बच्चों को खुद पहनाते हैं चप्पल, पठन-पाठन सामग्री का करते हैं वितरण, कहा पीएम मोदी के मन की बात से मिली प्रेरणा
BETTIAH : बेतिया के प्रसिद्ध आर्थोकेयर सेंटर के चिकित्सक डॉ॰ उपेन्द्र कुमार मरीजों की देखरेख करते हुए अपना कीमती समय निकालकर जिले के गरीब व नि:सहाय बच्चों की पढ़ाई में लगने वाले आवश्यक सामग्री कलम, कॉपी, रबर, स्केल, इंस्ट्रूमेंट बॉक्स, चौक के साथ साथ उन्हे रखने के लिए बैग तो दे ही रहे है। साथ ही उन बच्चों के पैरों में कंकड़ या कांटी ना गड़ जाये। इसलिए डॉक्टर साहब खुद बच्चे व बच्चियो के पैरो की साईज़ के अनुसार स्लीपर भी पहनाने का काम कर रहे है। यह सब सामग्री वह सप्ताह मे दो दिन बुधवार व गुरुवार को जिले मे चल रहे एकल विद्यालय के बच्चो व बच्चियो मुफ्त में देते है। स्लीपर देने से यह चिकित्सक “स्लीपरमैन” के नाम से आज जाने जाते है। यह कब स्लीपर मैन बने इन्हे खुद भी नही पता चला। वही यह अपने आने वाली पीढ़ी को ऑक्सीज़न की कमी ना झेलना पड़े। इसके लिए जगह जगह वृक्षारोपण का काम कर रहे है, ताकी विश्व मे कभी ऑक्सीज़न की कमी ना हो सके। अभी तक यह जिले में करीब डेढ़ लाख वृक्षारोपण का काम भी कर चुके है और आगे और भी निरंतर वृक्ष लगाते रहने का संकलप भी लिए हुए है।
एकल विद्यालय जिले में फिलहाल 150 से अधिक है जहाँ पढ़ाने वाली शिक्षिकाए भी समर्पित भावना से अपने गली मुहल्ले की सबसे गरीब व असहाय 30 से 40 बच्चों को शिक्षा देती है। वह भी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालय मे पढ़ाई शुरू होने के समय से पहले, ताकी उनका विद्यालय में पढ़ाई भी नही छुट सके। जिले के 18 प्रखंडों 8 प्रखण्ड बगहा 1 ,बगहा 2 , नरकटियागंज , लौरिया , बेतिया , मैनाटाड , सिकटा और मझौलिया मे 150 से अधिक एकल विद्यालय चल रहा है जहाँ 5 हजार से अधिक बच्चे अभी शिक्षा ग्रहण कर रहे है। डॉ॰ उपेंद्र अभी तक 3 हजार से अधिक बच्चो को यह लाभ दे चुके है और आगे भी हर साल यह देते रहेंगे। बच्चे व बच्चियों के बीच जब यह पठन सामाग्री के साथ स्लीपर दिया जा रहा था तो बच्चो के चेहरे पर खुशी देखते ही बन रही थी। गौरतलब है की डॉ॰उपेंद्र कुमार भी के॰आर॰ उच्च विद्यालय के 95 बैच के विद्यार्थी है। इस बैच के सभी विद्यार्थी मिल संकल्प 95 एक ग्रुप बनाए है। जिसमे कोई आज के समय मे कोई चिकित्सक है कोई सिविल सेवा मे तो कोई व्यवसायी तो कोई शिक्षक है। समय समय पर सभी अपने अपने स्तर से गरीबो व असहायों की सेवा करते आ रहे है। विदित है की इसी ग्रुप के एक सदस्य युद्धस्थ सिंह जो फिलहाल सिविल सेवा मे है। जब अपने घर आते है तो हर साल हेल्थ कैंप लगा गरीबो की चिकित्सकीय सेवा देते आ रहे है। जहाँ चिकित्सा से लेकर दवा और जांच भी मुफ्त मे होता है आवश्यक पड़ने पर सर्जरी भी मुफ्त होता है। आज से दो साल पहले प्रधानमंत्री की मन की बात मे पीएम मोदी इनकी सराहना कर चुके है। जबकि बिहार के राज्यपाल इनके कार्यों को देख इन्हे सम्मानित भी कर चुके है।
डॉ॰उपेंद्र अपने कार्यो का अमली जामा पहनाने के लिए जाने के एक दिन पूर्व अपने घर पर ही 30 से 40 बच्चो को दी जाने वाली सामग्री का पैक करवा लेते है। फिर वह दूसरे दिन उस विद्यालय में पहुँच बच्चो व बच्चियो को जब यह खुद अपने हाथो से स्लीपर पहनाते है तो बच्चो के चेहरे खिल उठते है। यहाँ पढ़ रहे बच्चे आगे चल कोई चिकित्सक तो कोई शिक्षक तो कोई पायलट व डीएम भी बनना चाहता है। इस संबंध में स्लीपरमैन टीम के सदस्य आकाश कुमार ने बताया की हम यहा बच्चो को दी जानी सामग्री पैक करते है। जब विद्यालय से सूची आ जाता है। यह काम एक साल से ज्यादा समय से चल रहा है। सप्ताह मे दो दिन बुधवार व गुरुवार को एकल विद्यालय के बच्चों को दिया जाता है। वही टीम के एक और सदस्य बलिस्टर मियाँ ने बताया की यह जो सामग्री दी जाती है वह अलग अलग जगहो से आती है। अभी तक 3 हजार से अधिक बच्चो को यह सामग्री दी जा चुकी है। स्लीपर मैन के मैनेजर चंडू कुमार ने बताया की वह बच्चो की दी जाने वाली सामग्री का डाटा संग्रहित रखने का काम करते हैं। पांचवीं क्लास में पढ़ रहे छोटू कुमार ने बताया की हम आगे चलकर बैंक का मैनेजर बनना चाहते है तो वही छ्ठी क्लास मे पढ़ने वाली एजल कुमारी ने बताया की हम आगे चलकर कलेक्टर बनना चाहती हू। तो 3 सारी क्लास मे पढ़ रही पल्लवी ने बताई की मैं आगे चलकर टीचर बनना चाहती हूँ। आज इन सभी बच्चो को पठन पाठन सामग्री के साथ ही स्लीपर भी दिया गया। जिससे इनके चेहरे पर खुशी देखती ही बन रही थी। वही शिक्षा दे रही आचार्या इंदू देवी ने बताई की यहाँ गरीब तबके के बच्चे पढने आते है। विद्यालय सुबह 6 से 8 बजे तक चलता है। वह बच्चो को यह सामग्री मिलने से बेहद खुश है।
वही इस संबंध मे डॉ॰उपेंद्र कुमार ने बताया की यह प्रेरणा मुझे हमारे देश क प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा मन की बात मे कही जाने वाली ओजस्वी बातों से व बिहार के मुख्यमंत्री द्वारा किए गए विकासात्मक कार्यो से मिली। लगा की हम भी जो कुछ भी संभव हो गरीब और असहायों के लिए कर सकते है। आज साल भर से हम प्रत्येक सप्ताह बुधवार व गुरुवार को अपने आर्थोकेयर सेंटर चलाते हुए उसी मे समय निकाल बच्चो के बीच जाकर उन्हे यह पठन पाठन की सामग्री देता हूँ। इसके लिए एक टीम का गठन भी किए है जो एक टीम वर्क के तहत यह काम करते है। उन्होने यह भी कहा की हमारे समाज मे एक से बढ़ कर एक आदमी है। अगर हर आदमी कुछ करने की प्रण ले तो और कुछ कुछ समाज को बढ़ाने मे अपना योगदान दे तो आज हमारा देश किसी भी देश से पीछे नही रहेगा। वही डॉ॰उपेंद्र कुमार ने पठन पाठन सामग्री वितरण के बाद बच्चो व वहा आए हुए अभिभावकों को स्वस्थ्य रहने का टिप्स भी देते हुए बताया की अपने अपने घरो के आसपास कूड़ा कचरा नही फेके। साफ सुथरा रखे। ताकी हमारा देश सबसे आगे रहे। वहां आए एक अभिभावक श्याम नारायण ने कहा की इस तरह से और भी लोगो को आगे आना चाहिए। जैसे की डॉ॰ उपेंद्र कुमार आए है। बहुत ही अच्छा लग रहा है की एक बेतिया का प्रसिद्ध चिकित्सक अपने व्यस्त समय मे भी समय निकाल गरीब बच्चो को मदद करने के लिए आगे आए है।
बेतिया से आशीष की रिपोर्ट