भ्रष्टाचार केस में सस्पेंड भवन निर्माण सेंट्रल डिवीजन के E.E. को 2 मामलों में मिला दंड, पाटलिपुत्र बिल्डिंग डिवीजन के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ कब होगी जांच पूरी ?

भ्रष्टाचार केस में सस्पेंड भवन निर्माण सेंट्रल डिवीजन के E.E. को 2 मामलों में मिला दंड, पाटलिपुत्र बिल्डिंग डिवीजन के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ कब होगी जांच पूरी ?

PATNA:  भ्रष्टाचार केस में निलंबित चल रहे भवन निर्माण विभाग के एक कार्यपालक अभियंता को दूसरी गड़बड़ी के आरोप में दंड दिया गया है. केंद्रीय भवन प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता संजीत कुमार जो आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में लंबे समय से सस्पेंड हैं, उनके खिलाफ दो दूसरे मामले सामने आये हैं. निलंबन अवधि में उनसे स्पष्टीकरण पूछा गया और अब भवन निर्माण विभाग ने दंड का आदेश जारी किया है. हालांकि भवन प्रमंडल के कई ऐसे कार्यपालक अभियंता हैं जिनके खिलाफ जांच लंबित हैं. 

सेंट्रल डिवीजन के कार्यपालक अभियंता को मिला दंड  

केंद्रीय भवन प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता संजीत कुमार ने हार्डिंग रोड आवास संख्या 32 ए के जीर्णोद्धार के लिए प्राक्कलन तैयार कर अधीक्षण अभियंता को भेजा था. वह प्राक्कलन  सैद्धांतिक सहमति के लिए मुख्य अभियंता के पास भेजी गई। इसी दौरान उक्त आवास पर पूर्व से पर्याप्त निर्माण होने की दशा में अतिरिक्त निर्माण कार्य के औचित्य पर सवाल खड़े किए गए। इसके बाद भू संपदा पदाधिकारी से उस आवास का निरीक्षण कराया गया. निरीक्षण पाया गया कि उस आवास में पर्याप्त सुविधाएं मौजूद हैं. लिहाजा प्राक्कलन में नए निर्माण कार्य के लिए रिनोवेशन शब्द अंकित किए जाने के खिलाफ प्रपत्र का गठित कर स्पष्टीकरण की मांग की गई। स्पष्टीकरण के जवाब मेंं तत्कालीन कार्यपालक अभियंता संजीत कुमार ने स्वीकार कर लिया कि गलती हुई है. इसके बाद भवन निर्माण विभाग ने आरोप वर्ष 2022-23 के लिए निंदन का दंड दिया है .

दूसरे मामले में भी मिला दंड 

वहीं, एक और मामले में केंद्रीय भवन प्रमंडल के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता संजीत कुमार को निंदन का दंड दिया गया है. आरोप है कि संवेदक कुमार सौरव एवं निखिलेश के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होने के बाद भी बिना चरित्र प्रमाण पत्र लिए ही निविदा दिया है. इस आरोप में उनसे 16 जनवरी 2024 को स्पष्टीकरण मांगा गया .निलंबित कार्यपालक अभियंता ने जो जवाब दिया उसमें उन्होंने भूल वश कुमार सौरव को बिना चरित्र प्रमाण पत्र के ही कार्य आवंटित करने की बात को स्वीकार किया. इस मामले में भी इन्हें निंदन का दंड दिया गया है.14 जून को ही भवन निर्माण विभाग की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है. 

पाटलिपुत्र भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता के खिलाफ कब होगी जांच पूरी 

वैसे, भवन प्रमंडल पाटलिपुत्र डिलीजन के कार्यपालक अभियंता सुधीर कुमार रंजन के खिलाफ भी गंभीर हैं. भवन निर्माण विभाग की तरफ से जांच के आदेश दिए गए हैं. शुरूआती जांच भी हुई लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. बताया जाता है कि अधीक्षण अभियंता ने एक और मामले में जांच की थी, जांच में आरोप सही प्रतीत हुए थे. हालांकि अब तक इस संबंध में कोई कार्रवाई नहीं हुई है. इधर, पाटलिपुत्र डिवीजन के इस कार्यपालक अभियंता का प्रमोशन अधीक्षण में हो गया है. विभागीय सूत्र बताते हैं कि तमाम आरोपों को दनकिनार कर इन्हें अधीक्षण अभियंता के पद पर पदस्थापित करने की तैयारी है. 

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