थकान और पेशाब का पीला होना हो सकता है लिवर की बीमारी का संकेत,जान लीजिए लिवर सिरोसिस के लक्षण

थकान और पेशाब का पीला होना हो सकता है लिवर की बीमारी का संकेत,जान लीजिए लिवर सिरोसिस के लक्षण

डेस्क- वैसे तो शरीर का हर अंग का अपना अलगा काम होता है, लेकिन यकृत या लिवर हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. लिवर  पेट के दाहिनी ओर स्थित होता है. लिवर का काम बेहद महत्वपूर्ण है.  यह खाद्य पदार्थों के पाचन में मदद के साथ ही बॉडी में बने  टॉक्सिक पदार्थों को बाहर निकलता है. आधुनिक समय में लोगों की जीवनशैली बदल गई है. जंक फूड, तैलीय पदार्थों का सेवन असंयमित जीवन शैली, शराब के अत्यधिक सेवन के कारण लोग यकृत की बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं. व्यस्त जीवनशैली के कारण आज के समय में लिवर की बीमारी ने विकराल रुप धारण कर लिया है. लिवर के बिमारी के शुरुआत में भी शरीर संकेत देता है जिसे नजरअंदाज करना घातक सिद्ध हो सकता है. 

आईजीआईएमएस के इंडोक्रोनोलॉजी विभाग के हेड डॉ वेद प्रकाश ने बताया कि लीवर की क्षति के कारण थकान महसूस होने लगता है. लिवर फंक्शन के प्रभावित होने पर व्यक्ति की नियमित कार्य क्षमता प्रभावित होती है, और वे कम समय में थक जाते हैं. साथ हीं लिवर संबंधी समस्या होने पर टॉक्सिंस को फिल्टर करना मुश्किल हो जाता है. ऐसे में ब्लड फ्लो में टॉक्सिक पदार्थों का निर्माण बढ़ है, ब्लड में टॉक्सिंस के बढ़ने से जी मचलने की समस्या होती है और काला बासी मल एडवांस्ड लीवर डिजीज के संकेत होते हैं.इस स्थिति में शरीर को फौरन इलाज की आवश्यकता होती है.

 रक्त में बिलीरुबिन  बनने के कारण न केवल आंख और त्वचा की रंगत में बदलाव आता है वरन त्वचा में असहनीय खुजली का अनुभव भी हो सकता है.

डॉ वेद ने बताया कि जब आपका लिवर फंक्शन प्रभावित होता है तो इसकी ब्लड को क्लॉट करने की क्षमता कम हो जाती है. यहीं नहीं लिवर सिरोसिस से पीड़ित लगभग एक चौथाई लोगों में पामर एरिथेमा विकसित होता है, इस स्थिति में बिना किसी वजह के आपकी हथेलियों की त्वचा काफी ज्यादा लाल नजर आने लगती है.

डॉ वेद ने बताया कि पेशाब का रंग गहरा नारंगी, एम्बर, कोला रंग या भूरा का होना भी यकृत की बीमारी का संकेत देता है. बिलीरुबिन बढ़ जाने के कारण  पीले या गहरे रंग का पेशाब होता है.

पेट में सूजन जिसे बोलचाल की भाषा जलोदर कहा जाता है,से व्यक्ति पीड़ित होता है. कई मरीजों के पैरों में भी सूजन हो सकता है . 

आईजीआईएमएस के इंडोक्रोनोलॉजी विभाग के हेड डॉ वेद प्रकाश  बताया कि अगर किसी भी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, तुरंत चिकित्सक से सलाह लें , ये बीमारी आपके लिए घातक बने उससे पहले मर्ज का इलाज करा लें.

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