राज्य के वित्त-अनुदानित शिक्षक-शिक्षकेत्तर कर्मियों ने राज्यपाल को सौंपा मांग पत्र, बिहार सरकार पर सौतेला व्यवहार का आरोप

पटना: बिहार के वित्त-अनुदानित कर्मियों ने सरकार पर  उदासीनता, नौकरशाहों के तानाशाही फरमान और सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए राज्यपाल से मिलकर अपना मांग पत्र सौंपा.

राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल

फोरम के प्रांतीय संयोजक के नेतृत्व में वित्तरहित माध्यमिक विद्यालय, इंटरमीडिएट एवं डिग्री कॉलेज के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने  राज्यपाल से मिलकर कर्मियों की समस्याओं से संबंधित तथ्यों को  विस्तार पूर्वक रखा.

पैसे के अभाव 300 से अधिक वित्तरहित कर्मियों की हो गई है मौत

प्रतिनिधिमंडल ने कर्मियों के प्रावधानित वेतन न मिलने, जांच के नाम पर अनुदान रोकने, संसाधन विहीन प्राइमरी और मिडिल स्कूल को अपग्रेड करने, धार्मिक स्तर पर संस्थाओं के साथ भेदभाव करने एवं वित्तरहित संस्थाओं में नामांकन को बाधित करने की साजिश से राज्यपाल को अवगत कराया. राज्यपाल को लगभग 300 से अधिक वैसे वित्तरहित कर्मियों की सूची समर्पित की गई जिनका निधन पैसे के अभाव में समुचित इलाज के बिना हो गया. आर्थिक तंगी से जूझ रहे लगभग 50 हजार से अधिक वित्तरहित कर्मियों और उनके परिजनों के समक्ष उत्पन्न संकट की बात को राज्यपाल के  समक्ष रखा. 

सरकार पर सौतेला व्यवहार का आरोप

 प्रतिनिधिमंडल ने राज्य सरकार पर  वित्तरहित संस्थाओं और उसके कर्मियों के साथ सौतेला व्यवहार का आरोप लगाया .उनका कहना था कि समान प्रबंधकीय व्यवस्था के तहत संचालित अल्पसंख्यक विद्यालय एवं मदरसा के कर्मियों को सातवें पुनरीक्षित वेतनमान का लाभ देती है, ईपीएफ योजना का लाभ देती है, पेंशन और अन्य सुविधा देने का प्रावधान करती है . वहीं वित्तरहित संस्थान के कर्मियों को किसी भी प्रकार की सुविधा से आज तक वंचित रखे हुए हैं .

राज्यपाल ने दिया निर्देश

प्रतिनिधिमंडल की बात को राज्यपाल ध्यानपूर्वक सुना और उन्होंने राज्य सरकार से बात करने का आश्वासन दिया . साथ ही उन्होंने शिक्षा मंत्री से मिलने का निर्देश देते हुए कहा कि आप सभी उनसे मिलकर अपनी बात रखिए मैं भी उनसे बात करूँगा.प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व व एएनवी फोरम के प्रांतीय संयोजक प्रो रोशन कुमार ने किया. प्रतिनिधि मंडल में प्रो संजय कुमार, प्रो अशोक कुमार सिंह, सहायक शिक्षक रंजीत कुमार एवं सहायक शिक्षिका विभा सिन्हा शामिल थे .

प्रमुख मांगे

वित्तानुदानित संबद्धता प्राप्त माध्यमिक विद्यालय, इंटर एवं डिग्री महाविद्यालय मे विधिवत नियुक्त एवं कार्यरत कर्मियों को विहित-वेतन (वेतनमान आधारित घाटानुदान) या समकक्ष राज्यकर्मियों की भाँति नियत वेतन एवं प्रदत सभी सुविधायेँ प्रदान की जाए .संबद्धता मापदंड शर्त पूर्ण करने वाले स्थापना अनुमति प्राप्त, स्थायी एवं अस्थायी रूप से प्रस्वीकृत, वित्त-अनुदानित संस्थानो मे, पूर्व मे कराये गए शर्तों के अनुपालन के आलोक मे स्थायी संबद्धता प्रदान/बहाल किया जाए . छात्र/छात्राओं के परीक्षाफल के वास्तविक गणना के आधार पर (इंटर कॉलेज को अधिकतम 50 लाख की सीमा को खत्म कर) सत्र वार बकाया/लंबित अनुदान राशि का एकमुश्त भुगतान सीधे संस्थानो मे कार्यरत कर्मियों के संधारित खाता मे किया जाए .वित्त-अनुदानित संस्थानो के मृतक कर्मियों के आश्रितों को भी नियोजित/नियमित मृत कर्मियों की भांति अनुग्रह राशि और मुआवजा दिया जाए .

रिपोर्ट -देवांशु प्रभात