Flood in Bihar: बेतिया में पुल ध्वस्त होने से हाहाकार , गांव में घुसने लगा पानी, लोग लगा रहे सरकार से मदद की गुहार

Flood in Bihar: बेतिया में पुल ध्वस्त होने से हाहाकार , गांव में घुसने लगा पानी, लोग लगा रहे सरकार से मदद की गुहार

Floof in Bihar: प•चम्पारण  के बेतिया के गौनाहा में पहाड़ी नदियों ने तांडव करना शुरू कर दिया. रुपवलिया गोठा गांव के बीच पुल ध्वस्त हो गया है. छरंगाहा नदी ने पुल को ध्वस्त कर दिया है. पहाड़ी नदी का पानी गांव में प्रवेश करना शुरु हो गया है. सड़क पर एक से दो फिट पानी बह रहा है. ग्रामीण जिला प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहें है .

गौनाहा प्रखंड में पहाड़ी नदियों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है सभी नदियां उफान पर है कटहा नदी मरजदी नदी गांव में भीषण कटाव कर रहीं है.  नदीे मे अभी तक दो घर विलीन हो चुके हैं.  गौनाहा में पांच पहाड़ी नदियां उफान पर है कटहा, हरबोड़ा, गाँगुली ,मनियारी और बोडहा नदी का जलस्तर बढ़ गया है. ग्रामीणों में भय दहशत का माहौल है.

बता दें नेपाल, तिब्बत और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और झारखंड में भारी बारिश के कारण नदियाँ उफान पर आ गईं और आठ जिलों में बाढ़ फैल गई. गंगा, सोन, कोसी, बूढ़ी गंडक, गंडक, घाघरा और पुनपुन नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इसके चलते पटना के अलावा सबसे ज्यादा प्रभावित जिले बक्सर, भागलपुर और बेगुसराय हैं.

नेपाल में भारी बारिश के बाद पड़ोसी देश की कोसी और गंडक नदियों में उफान जारी है. नेपाली सीमा पर कोसी और गंडक नदी के बैराज के सभी गेट खोल दिए गए हैं. कोसी बराज से पिछले 56 साल में सबसे ज्यादा पानी छोड़ा गया और गंडक नदी पर बने वाल्मिकी नगर बराज से सबसे ज्यादा पानी 21 साल बाद छोड़ा जाएगा. इन नदियों के किनारे रहने वाले लोग पानी देखकर भी डरते हैं। पहले, तटवर्ती क्षेत्र के निवासियों को सुरक्षित क्षेत्रों में जाने के लिए कहा गया था। उत्तर बिहार पर बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जल संसाधन विभाग के इंजीनियर और कर्मचारी शुक्रवार से ही अलर्ट पर हैं.

रिपोर्ट- आशिष कुमार


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