बिहार में बालू ढुलाई में लगी गाड़ियों की होगी अलग पहचान, 1 जुलाई से किया गया अनिवार्य, अवैध खनन रोकने को लेकर नई कोशिश कितनी होगी सफल ?

PATNA: बालू की ढुलाई में लगी गाड़ियां अब लाल रंग की होगी. खनन विभाग ने यह निर्णय लिया है. खनन परिवहन में लाल रंग की गाड़ी होने की वजह से आम लोग भी आसानी से पहचान कर सकेंगे. साथ ही अवैध परिवहन करने वाली गाड़ियों की पहचान कर सूचना दे सकेंगे. खनन विभाग की तरफ से इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी गई है. 

खनन विभाग की तरफ से कहा गया है कि उच्चतम न्यायालय एवं राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण द्वारा अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिए कई निदेश राज्य सरकारों को दिये गये हैं। बिहार सरकार अवैध खनन एवं परिवहन की रोकथाम के लिए दृढ़ संकल्पित है। अवैध बालू परिवहन पर रोक लगाने हेतु बालू के परिवहन में प्रयुक्त वाहनों में G.P.S. लगाने की अनिवार्यता पूर्व से ही की गई है। बालू के अवैध खनन को और प्रभावकारी तरीके से नियंत्रित करने के लिए वाहनों में विशिष्ट पहचान लगाने की आवश्यकता महसूस हो रही है, ताकि मुख्य मार्ग से होकर गुजरने वाले बालू लदे वाहनों को देखकर ही पहचान किया जा सके और पुलिस / जाँच पदाधिकारी दूर से ही वाहनों को देखकर जांच हेतु सजग हो सकें ।

खान एवं भूतत्व विभाग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना केअनुसार एक जुलाई 2024 से खनिज लदे वाहनों पर विशिष्ट पहचान आनिवार्य कर दिया गया है। विभाग द्वारा बालू के परिवहन हेतु "खनन सॉफ्ट" में निबंधित G.P.S. लगे वाहनों पर चारो तरफ से लाल रंग (Signal red) की 20 इंच चौड़ी पट्टी वाहन मालिकों को रंगवाना होगा .पट्टी पर चारो तरफ 06 (छ) इंच के साईज में खनन वाहन-निबंधन संख्या (खनन सॉफ्ट में निबंधन संख्या) एवं वाहन संख्या अंकित करना अनिवार्य किया गया है। बालू बंदोबस्तधारी भी विशिष्ट पहचान अंकित किये गये एवं G.P.S. अधिष्ठापित वाहनों को ही परिवहन चालान निर्गत करेंगे।

खनिज लदे वाहनों के लाल रंग से रंगे होने के कारण प्रशासन द्वारा इसकी आसानी से जांच की जा सकेगी। आम लोग भी ऐसे वाहनों पर निगाह रख सकेंगे वाहन संख्या डालकर खनन साफ्ट पोर्टल पर यह जान सकेंगे कि उक्त वाहन के लिए बालू का चालन कब तक वैध है। आमजन नियम विरूद्ध परिवहन करने वाले वाहनों के बारे में जिला/ कंट्रोल रूम में शिकायत कर सकेंगे। विशिष्ट पहचान के बिना यदि बालू का परिवहन करते वाहन पाया जाएगा तो, यह स्पष्टतःअवैध बालू के परिवहन का मामला होगा। इससे अवैध परिवहन पर सही ढंग से निगरानी रखी जासकेगी।