मणिपुर में फिर भड़कने लगी हिंसा की घटनाएं, पांच लोगों की हुई मौत, तनाव का माहौल
DESK : मणिपुर के लोग बीते साल मई से ही जातिगत हिंसा का दंश झेल रहे है। इस हिंसा में कई लोगों की जान चली गई । पिछले साल मई से ही मणिपुर में दो समुदाय मैतेई और कुकी के बीच हिंसक झड़प दिखाई दे रही है। यह हिंसा दिन –ब- दिन बढ़ ही रहा है। इसी बीच शुक्रवार को उपद्रवियों और ग्रामीणों के बीच हिंसक झड़प हुई । जिसमें पांच लोगो की मौत हो गई । इसके साथ ही इस घटना में कई लोग घायल है। जिसमें कई घायलों की स्थिति नाजुक है। इस बाबत में पुलिस अधिकारी ने बताया कि एक व्यक्ति की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई, जब वह सो रहा था, वहीं बाद में हुई गोलीबारी में चार हथियारबंद लोग मारे गए। मणिपुर में ताजा हिंसा की घटनाओं के बाद पिछले पांच दिनों से तनाव बहुत बढ़ गया है।
अधिकारी के मुताबिक, उग्रवादी जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर दूर एक सुनसान स्थान पर अकेले रहने वाले व्यक्ति के घर में घुसे और उसकी गोली मारकर हत्या कर दी। अधिकारी ने बताया कि हत्या के बाद जिला मुख्यालय से करीब सात किलोमीटर दूर पहाड़ियों में युद्धरत समुदायों के हथियारबंद लोगों के बीच भारी गोलीबारी हुई, जिसमें तीन पहाड़ी उग्रवादियों सहित चार हथियारबंद लोगों की मौत हो गई। गोलीबारी में मरने वाले कुकी और मैतेई दोनों ही समुदायों से हैं।
बता दें कि मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच शुरू हुई हिंसा को एक साल से ज्यादा वक्त बीत चुका है, लेकिन अभी तक हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं. एजेंसियों की तमाम कोशिशों के बावजूद भी हिंसा पर लगाम नहीं लग रही है. साथ ही शांति बहाली के दावे में धराशाई हो रहे हैं. तो वही बीते दिनों से मणिपुर में हालात और चिंता जनक होते जा रहे हैं, क्योंकि हिंसा के बीच आरपीजी और ड्रोन का इस्तेमाल होने लगा है. रविवार और सोमवार को लगातार पहाड़ी जिले कांगपोकपी से लगते हुए पश्चिमी इंफाल की घाटी में गांव पर ड्रोन से बमबारी की गई।
इस घटना में अब तक दो लोगों की मौत हो गई थी । जबकि दोनों वारदातों में घायलों की संख्या 10 से ज्यादा थी . एक सितंबर को पश्चिमी इंफाल के कोत्रूक गांव में दोपहर में पहाड़ी इलाकों से हमला हुआ. पुलिस और इंटेलिजेंस सूत्रों के हाथ लगे वीडियो में जमीन के परपेंडिकुलर बम गिरते दिखाई दिए. हिंसा में ड्रोन हमले से सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है।
रिपोर्ट - रितिक कुमार