Bihar sarkar - नीतीश सरकार के दो विभागों में आपस में ठन गई, वन विभाग ने इस मामले में पथ निर्माण पर किया केस, जानें पूरा मामला

Bihar sarkar - सड़क चौड़ीकरण के दौरान पथ निर्माण विभाग ने बड़ी लापरवाही कर दी। जिसके बाद अब वन पर्यावरण विभाग ने उनके खिलाफ वन अधिनियम के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया है।

Bihar sarkar - नीतीश सरकार के दो विभागों में आपस में ठन गई,
वन विभाग और पथ निर्माण विभाग में बढ़ा विवाद- फोटो : NEWS4NATION

Patna - बिहार में दो बड़े विभागों में काम में लापरवाही को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया  है. जिसमें एक तरफ पथ निर्माण विभाग है, वहीं दूसरी तरफ वन एवं पर्यावरण विभाग है।  वन पर्यावरण विभाग ने एक मामले में वन संरक्षण अधिनियम  के तहत पथ निर्माण विभाग  के खिलाफ कोर्ट में मामला दर्ज कराया है। 

क्या है पूरा मामला

यह पूरा मामला  हानाबाद में एन.एच.-83 से जुड़ा है। जहां पथ निर्माण विभाग  द्वारा सड़कों  का चौड़ीकरण किया गया है। लेकिन इस दौरान जो  पेड़ रास्ते में आए, उन्हें हटाए बिना  ही कार्य को पूरा कर लिया गया है। जिसके कारण अब यह पेड़ सड़क  के बीचोबीच आ गए है। जिससे हादसे का खतरा बनी रहती है। 

पेड़ों को हटाने  के लिए केंद्रीय पर्यावरण विभाग  से मंजूरी जरुरी

वन विभाग ने स्पष्ट किया है कि उक्त पथ भारतीय वन अधिनियम, 1927 के अंतर्गत सुरक्षित वन' के रूप में अधिसूचित है। इस पथ के चौड़ीकरण एवं वृक्षों के पातन के लिए वन (संरक्षण एवं संवर्द्धन) अधिनियम, 1980 के तहत् पथ निर्माण विभाग के द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की पूर्वानुमति प्राप्त किया जाना आवश्यक है।

प्रस्ताव  दिया, लेकिन भूमि उपलब्ध  नहीं कराई

इस पथ के चौड़ीकरण एवं वृक्षों के पातन हेतु पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की पुर्वानुमति प्राप्त करने हेतु वन भूमि अपयोजन का प्रस्ताव पथ निर्माण विभाग के द्वारा पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार सरकार को उपलब्ध कराया गया है। नियमानुसार अपयोजित होने वाली वन भूमि के समतुल्य गैर वन भूमि उपलब्ध कराया जाना भी अपेक्षित है, जो अद्यतन उपलब्ध नहीं करायी गयी है। इस कारण से पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार की पूर्वानुमति अप्राप्त है।

बिना अनुमति सड़क चौड़ीकरण का काम संपन्न

इस बीच, पथ निर्माण विभाग के द्वारा, बिना विधिसम्मत् पूर्वानुमति प्राप्त किये, पथ के चौड़ीकरण का कार्य करा लिया गया है, जिस कारण वृक्ष सड़क के मध्य में आ गये हैं। इसके अतिरिक्त, यह वन (संरक्षण एवं संवर्द्धन) अधिनियम, 1980 एवं भारतीय वन अधिनियम, 1927 का भी स्पष्ट उल्लंघन है। 

कोर्ट में दर्ज हुआ मामला

इस मामले में स्थानीय वन प्रशासन के द्वारा न्यायालय में बनवाद दर्ज करते हुए वन (संरक्षण एवं संवर्द्धन) अधिनियम, 1980 के प्रावधानों के अंतर्गत विधिसम्मत् कार्रवाई की जा रही है। साथ ही, स्थानीय पदाधिकारियों को सड़क के मध्य में अवस्थित वृक्षों के कारण संभावित दुर्घटनाओं से बचाव हेतु आवश्यक निर्देश दे दिये गये हैं।

रिपोर्ट - वंदना शर्मा