Pitru Paksha: नहीं कर पा रहे हैं पिंडदान तो अपनाएं ये उपाय, नहीं लगेगा पितृ दोष

Pitru Paksha: नहीं कर पा रहे हैं पिंडदान तो अपनाएं ये उपाय, नहीं लगेगा पितृ दोष

Pitru Paksha: धर्म ग्रंथों में श्राद्ध को पितरों की आत्मा की शांति के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। माना जाता है कि विधि-विधान पूर्वक श्राद्ध करने से पितर तृप्त होते हैं और उनकी कृपा सदैव बनी रहती है। लेकिन वर्तमान समय में विधिपूर्वक श्राद्ध करने के लिए धन की आवश्यकता होती है, और यदि आर्थिक तंगी हो तो श्राद्ध करना कठिन हो सकता है। ऐसी स्थिति में पितृ दोष जीवन में अनेक समस्याओं का कारण बन सकता है। हालांकि, धर्म शास्त्रों और पुराणों के अनुसार, कुछ सरल उपाय करने से भी पितरों की आत्मा को शांति मिल सकती है और पितृ दोष का निवारण किया जा सकता है।


यदि श्राद्ध न कर पाएं, तो इन उपायों में से किसी एक को अपनाएं, पितृ दोष का प्रभाव होगा कम: 

  • जिस स्थान पर आप पीने का पानी रखते हैं, वहां रोज शाम को शुद्ध घी का दीपक जलाएं। यह सुनिश्चित करें कि उस स्थान पर जूठे बर्तन न रखें। इससे पितरों की कृपा हमेशा बनी रहती है।

  • सर्व पितृ अमावस्या के दिन चावल के आटे के पाँच पिंड बनाकर उन्हें लाल कपड़े में लपेटें और किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें।

  • घर में गाय के गोबर से बने कंडे को जलाकर उसमें गूगल, घी, जौ, तिल, और चावल मिलाकर धूप दें।

  • भगवान विष्णु के मंदिर में सफेद तिल के साथ कुछ दक्षिणा (रुपए) दान करें।

  • कच्चे दूध, जौ, तिल, और चावल मिलाकर किसी नदी में प्रवाहित करें। यह उपाय सूर्योदय के समय करना शुभ माना जाता है।

  • श्राद्ध में ब्राह्मण को भोजन कराएं या आटा, फल, गुड़, सब्जी और दक्षिणा सहित अन्य सामग्री दान करें।

  • श्राद्ध न कर पाने की स्थिति में, किसी पवित्र नदी में काले तिल डालकर तर्पण करें। इससे पितृ दोष कम हो जाता है।

  • श्राद्ध पक्ष में विद्वान ब्राह्मण को एक मुट्ठी काले तिल का दान करें। यह पितरों को प्रसन्न करने का सरल उपाय है।

  • पितरों की स्मृति में गाय को हरा चारा खिलाएं। इससे पितर तृप्त और प्रसन्न होते हैं।

सूर्यदेव को अर्ध्य दें और प्रार्थना करें कि वे आपके पितरों को श्राद्ध का अर्पण पहुँचाएं और उन्हें तृप्त करें।

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