सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष का फैसला पलटा, चार पूर्व विधायकों को मिली बड़ी राहत

पटना. सुप्रीम कोर्ट ने बिहार विधानसभा अध्यक्ष के एक फैसले को पलट दिया है. इससे विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देने वाले चार पूर्व विधायकों को बड़ी राहत मिली है. दरअसल यह पूरा मामला वर्ष 2014 का है जब तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने चार विधायकों को न केवल अयोग्य घोषित किया था, बल्कि पूर्व विधायक का दर्जा भी छीन लिया था. इससे उन विधायकों को पेंशन और अन्य लाभों से वंचित होना पड़ा था.
विधानसभा अध्यक्ष के इस फैसले को तत्कालीन चार विधायकों ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, रवींद्र राय, नीरज कुमार सिंह और राहुल कुमार ने कोर्ट में चुनौती दी. पूर्व विधायकों की याचिका पर सुनवाई करते हुए अब सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत किसी विधायक के खिलाफ अयोग्यता याचिका पर निर्णय लेते समय विधानसभा अध्यक्ष को पूर्व विधायक का दर्जा वापस लेने का अधिकार नहीं है. कोर्ट ने विधायकों के 2014 में हुए निलंबन आदेश पर कहा कि 15वीं विधानसभा का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, इसलिए वह उस मूल मुद्दे पर गौर नहीं करेगी कि क्या अयोग्यता असंवैधानिक थी. हालांकि विधायकों को पूर्व विधायक का दर्जा समाप्त करने का स्पीकर का फैसला पलटते हुए कोर्ट ने उन्हें पूर्व विधायक का दर्जा देने पर सहमती जताई. इससे अब चारों विधायकों को पेंशन तथा अन्य भत्तों का लाभ मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित की अध्यक्षता वाली पीठ ने किया. पीठ ने इसे बेहद महत्वपूर्ण मुद्दा बताते हुए स्पीकर के अधिकार का स्मरण कराया. इसमें साफ किया गया कि किसी भी स्पीकर को संविधान की 10वीं अनुसूची के तहत किसी विधायक को पूर्व विधायक का दर्जा समाप्त करने का अधिकार नहीं है.
दरअसल, जदयू के तत्कालीन विधायकों ज्ञानेंद्र कुमार सिंह, रवींद्र राय, नीरज कुमार सिंह और राहुल कुमार पर राज्यसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ काम करने का आरोप लगा था. इसी को लेकर जदयू ने इन सदस्यों की सदस्यता समाप्त करने के लिए तत्कालीन विधानसभा स्पीकर से मांग की थी. हालांकि विधानसभा अध्यक्ष ने चारों विधायकों से पूर्व विधायक का दर्जा भी वापस ले लिया. स्पीकर के इस फैसले को गैर संवैधानिक बताते हुए चारो विधायकों ने कोर्ट ने इसे चुनौती दिया जिसके बाद अब कोर्ट ने स्पीकर के फैसले को पलट दिया है.