टूटेगा गठबंधन ! नीतीश-तेजस्वी ने नहीं हुई कोई बात, गणतंत्र दिवस समारोह में डेढ़ घंटे साथ रहने के बाद भी दोनों में बनी रही दूरी
पटना. बिहार में सियासी उठापटक की खबरों के बीच गणतंत्र दिवस समारोह में भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के बीच एक किस्म की दूरी बनी रही. पटना के गांधी मैदान में गणतंत्र दिवस समारोह में राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अरलेकर ने तिरंगा फहराया. इस दौरान सीएम नीतीश और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी मंच पर मौजूद थे. दोनों करीब डेढ़ घंटे तक एक साथ एक मंच पर रहे लेकिन वहां उनके बीच किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई. दोनों अपनी अपनी कुर्सियों पर बैठे रहे. इस दौरान तेजस्वी ने सीएम नीतीश के आगमन पर उनका अभिवादन भी किया लेकिन नीतीश की ओर से कोई बातचीत नहीं की गई. गणतंत्र दिवस परेड समाप्त होने के बाद दोनों बिना एक दूसरे से बातचीत किए ही वहां से निकल गए.
रोहिणी के ट्वीट से बवाल : दरअसल, सीएम नीतीश ने दो दिन पहले ही कर्पूरी जयंती के दौरान परिवारवाद को लेकर टिप्पणी की थी. उन्होंने राजनीति में परिवारवादी पार्टियों और लोगों के बढने पर चिंता जताई. माना गया कि उनके निशाने पर लालू यादव जैसे राजनेता रहे जिनके परिवार के लोग बड़ी संख्या में राजनीति में हैं. सीएम नीतीश की टिप्पणी के एक दिन बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने ट्विट पर परिवारवादी राजनीति पर टिप्पणी करने वालों को निशाने पर लिया. रोहिणी के ट्वीट के बाद भूचाल मच गया. कहा गया कि सीएम नीतीश रोहिणी के ट्वीट से खासे नाराज हुए. उसके बाद बिहार की सियासत में गुरुवार को दिन भर सियासी उठापटक देखने को मिला.
बीजेपी की बड़ी बैठक : भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सम्राट चौधरी, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा, प्रभारी विनोद तावड़े सहित आधा दर्जन नेताओं को दिल्ली बुलाया और रात में बैठक हुई. अमित शाह के साथ हुई बैठक के बाद यह माना गया कि बिहार में नीतीश कुमार को एनडीए में लाने की चर्चा और उससे होने वाले नफे नुकसान पर बात की गई. इन सबके बीच राजद और जदयू की ओर से फ़िलहाल कोई भी नेता गठबंधन में अनबन होने पर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.
नीतीश ने बनाई दूरी : वहीं पिछले 48 घंटे के घटनाक्रम के बाद शुक्रवार सुबह गणतंत्र दिवस समरोह में नीतीश कुमार और तेजस्वी का आमना सामना हुआ. लेकिन यहां भी दोनों के बीच की अघोषित दूरी जगजाहिर हुई . दोनों एक साथ करीब डेढ़ घंटे तक मंच पर रहे लेकिन उनके बीच किसी प्रकार की बातचीत नहीं हुई. इसे महागठबंधन के बीच आई दरार की एक झलक के रूप में भी देखा जा रहा है.