बिहार के हजारों सरकारी कर्मियों को हाईकोर्ट ने दी बड़ा खुशखबरी, कहा - एसीपी पाने के लिए विभागीय परीक्षा पास करना जरुरी नहीं
PATNA : पटना हाई कोर्ट के तीनों जजों की बेंच ने राज्य सरकार के कर्मियों को एक बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने कर्मियों को एसीपी (सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना) पाने के लिए विभागीय लेखा परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी नहीं करार दिया।
जस्टिस आशुतोष कुमार,जस्टिस नानी तागिया और जस्टिस पार्थ सारथी की फुल् बेंच ने एक साथ पांच अर्जी पर सुनवाई के बाद अपने आदेश में राज्य कर्मियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने एसीपी (सुनिश्चित वृत्ति उन्नयन योजना) पाने के लिए विभागीय लेखा परीक्षा उत्तीर्ण करना जरूरी नहीं है या नहीं पर विचार किया।
कोर्ट ने एसीपी नियम, 2003, विशेष रूप से नियम 4(5) के तहत मौद्रिक लाभ प्राप्त करने के लिए बिहार बोर्ड विविध नियम, 1958 के नियम 157(3)[जे], जिसमें लेखा परीक्षा उत्तीर्ण करने का प्रावधान है, इस मुद्दे पर विचार किया।
5वें केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों पर ग्रुप सी और डी कर्मचारियों के लिये लागू किया गया था।जिसके तहत बारह साल और चौबीस साल की नियमित सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को मौद्रिक लाभ प्रदान के लिए यह योजना लागू की गई थी। यह योजना ऐसे कर्मियों को देनी थी,जो पदोन्नति पाने में सक्षम नहीं थे। इसमें वास्तविक पदोन्नति प्रदान किए बिना केवल वित्तीय उन्नयन के अनुदान के लिए कर्मचारियों को उच्च वेतनमान में रखने की परिकल्पना की गई थी।
कर्मियों को एसीपी/एमएसीपी योजना केवल उनके निराशा को दूर करने के लिए लाया गया है। वास्तव में यह प्रोन्नति वाला पद प्रदान करना शामिल नहीं है,बल्कि योग्यता और पात्रता मानदंडों को पूरा करने के अधीन अगले उच्च ग्रेड के रूप में केवल मौद्रिक लाभ दिया जाना शामिल है। कोर्ट ने कहा कि ए.सी.पी. योजना के लिए किसी भी विभागीय परीक्षा उत्तीर्ण करने या किसी भी शैक्षिक योग्यता प्राप्त करने की कोई आवश्यकता नहीं है।