कटिहार के दिव्यांग कलाकार की पीड़ा, पीड़ित के इलाज के लिए गुहार, गांव वालों की सरकार से अपील
कटिहार- खुदी को कर बुलंद इतना, कि खुदा बंदे से खुद पूछे, बता तेरी रज़ा क्या हैं. चांदनी हाथ से दिव्यांग है.. इसके बावजूद उसने हार नहीं माना... चांदनी अपने पैरों से ही किस्मत लिख रही है. जन्म के 2 साल बाद ही चांदनी अज्ञात बीमारी के कारण अपने दोनों हाथ और आवाज गवां चुकी है.
कटिहार की चांदनी अपने हौसले के दम पर पैरों से अपनी किस्मत लिखने की कोशिश कर रही है, चांदनी पैरो से लिखकर मैट्रिक पास कर चुकी है .एक से बढ़कर एक पेंटिंग और लगभग सभी काम हाथों से दिव्यांग चांदनी करती है.
फलका प्रखंड के हतवाड़ा पंचायत के मजदूर पिता के पुत्री चांदनी पांच बहन है, शुरुआती दौर में परिवार के लोग इलाज करवाने की भी कोशिश किया लेकिन आर्थिक तंगी और बड़ी बीमारी के कारण चांदनी का इलाज नहीं हो पाया है .
अब हुनरमंद चांदनी के लिए उसका परिवार एवं ग्रामीण सरकार और सामाजिक रहनुमाओं से इलाज की गुहार लगा रहे हैं. ताकि चांदनी आगे की जिंदगी मे सही मायने में चमक बिखर पाये .
हुनरमंद चांदनी के हुनर बरकरार रखने के लिए ग्रामीण और चांदनी के परिवार के लोगों के सरकार से मदद से गुहार लगा रहे हैं.
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह