केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह कल लखीसराय से भरेंगे हुंकार, जाने क्या है बिहार आने के मायने

PATNA: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की आहट बिहार में सुनाई देने लगी है। इस महीने की 23 तारीख को विपक्षी नेताओं की राजधानी पटना में हुई बैठक ने खूब सुर्खियाँ बटोरी और कल यानी 29 तारीख को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का लखीसराय में कार्यक्रम तय है। जाहिर है विपक्षी एकता की बैठक के बाद भाजपा भी अपने कार्यक्रम के बहाने उसको चुनौती देना चाह रही है। यही कारण है कि लगभग दो महीने के छोटे अंतराल के बाद ही भाजपा नेता अमित शाह का बिहार में फिर से दौरा तय किया गया है।
राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि भाजपा ने पिछले साल ही देशभर में ऐसी लोकसभा सीटों की लिस्ट तैयार की थी, जिन पर पार्टी का प्रदर्शन खराब रहा है या आगामी चुनाव में कड़ी टक्कर मिलने के आसार हैं। बिहार में ऐसी 10- 12 सीटें हैं। इसमें मुंगेर संसदीय क्षेत्र भी शामिल है। इन लोकसभा सीटों पर पार्टी ने खास रणनीति तैयार की है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा भी इसी रणनीति का हिस्सा है। भाजपा किसी भी हालत में मुंगेर सीट पर अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है। इसके लिए मंडल से लेकर बूथ स्तर तक पार्टी पदाधिकारी प्रचार- प्रसार अभियान में दिन- रात जुटे हैं।
बहरहाल इस लोकसभा क्षेत्र के पिछले कुछ चुनाव परिणामों पर नज़र डालें तो पाएंगे कि वर्ष 2004 में मुंगेर सीट राजद के कब्जे में थी। फिर इस सीट पर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने एनडीए में रहते हुए यहां से 2009 में जीत दर्ज की थी। वहीं वर्ष 2014 में ललन सिंह भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़े, लेकिन उन्होंने एनडीए की महिला उम्मीदवार वीणा देवी (लोजपा) ने हरा दिया था। वर्ष 2019 में जदयू वापस एनडीए में आई और ललन सिंह यहां से दोबारा जीतकर सांसद बने। अब जदयू फिर से एनडीए छोड़ महागठबंधन के साथ चली गई है। अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में महागठबंधन की ओर से इस सीट पर ललन सिंह के चुनाव लड़ने के ही कयास लगाये जा रहे हैं।
वहीं, बीजेपी 2024 में यह सीट गठबंधन के किसी अन्य सहयोगी को न देकर, यहां से अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारने का मन बना चुकी है। जाहिर है बिहार की मुंगेर संसदीय क्षेत्र की सीट से भाजपा और जदयू दोनों की प्रतिष्ठा जुड़ गयी है। भाजपा का आकलन है कि जब इस सीट पर उनका कोंई सहयोगी चुनाव लड़ता है तो एनडीए गठबंधन के पक्ष में नतीजा आता है। इसलिए भाजपा अबकी लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि तैयार करने में जुट गयी है। उधर जदयू को अपने सबसे बड़े सहयोगी दल राजद के वोट बैंक पर पूरा भरोसा है और वो भी चुनाव पूर्व की तैयारी में कमर कास कर लग गयी है।