Vaibhav Suryavanshi: बिहार का लाल इंग्लैंड में मचा रहा धमाल! अंग्रेजी गेंदबाजी का उड़ा रहा धज्जियां , बरसा रहा कहर, जानें पूरा लेखा-जोखा

Vaibhav Suryavanshi: भारत-इंग्लैंड अंडर-19 सीरीज के तीसरे वनडे में वैभव सूर्यवंशी ने मात्र 31 गेंदों में 86 रन की तूफानी पारी खेली। जानिए कैसे इस युवा बल्लेबाज ने अपनी आक्रामक शैली से सबको चौंका दिया।

वैभव सूर्यवंशी की तूफानी पारी- फोटो : social media

Vaibhav Suryavanshi: नॉर्थेम्प्टन में भारत और इंग्लैंड की अंडर-19 टीमों के बीच चल रही 5 मैचों की वनडे सीरीज के तीसरे मुकाबले में वैभव सूर्यवंशी ने बल्ले से ऐसा तूफान मचाया कि मैदान पर मौजूद हर दर्शक हैरान रह गया।बारिश के कारण 40 ओवर के हुए इस मैच में इंग्लैंड ने भारत को 269 रनों का लक्ष्य दिया था। इस लक्ष्य का पीछा करने उतरी टीम इंडिया की पारी में सबसे चमकता सितारा रहे वैभव सूर्यवंशी, जिन्होंने सिर्फ 31 गेंदों में 86 रन ठोक दिए।वैभव की इस पारी को देखकर ऐसा लग रहा था जैसे वह टी20 नहीं बल्कि टी10 स्टाइल में बल्लेबाजी कर रहे हों।

तेज शुरुआत, तूफानी मिडिल ओवर: सूर्यवंशी का क्लासिक हिटिंग

ओपनर के तौर पर बल्लेबाजी करने उतरे कप्तान अभिज्ञान कुंडू जल्दी आउट हो गए, लेकिन वैभव ने बिना रुके रन बनाने का सिलसिला जारी रखा। सिर्फ 6 ओवरों में ही वैभव ने 64 रन जड़ दिए थे — यानी उन्होंने हर ओवर में औसतन 10 से ज्यादा रन बनाए। गेंदबाजों को न तो लेंथ मिली, न लाइन, क्योंकि वैभव हर बॉल को सीमा रेखा के बाहर भेजने के लिए तैयार दिखे।इस तरह की बल्लेबाजी केवल तकनीकी दक्षता नहीं, बल्कि मानसिक तैयारी और आत्मविश्वास का भी परिचायक होती है।

अब तक का प्रदर्शन: सीरीज में वैभव सूर्यवंशी का जलवा

तीन मैचों के बाद अगर किसी एक खिलाड़ी की चर्चा सबसे ज्यादा है, तो वह वैभव सूर्यवंशी हैं। उन्होंने:

पहले मैच में: 19 गेंदों पर 48 रन

दूसरे मैच में: 45 रन

तीसरे मैच में: 31 गेंदों पर 86 रन

 कुल रन: 179 रन / 3 मैच

 औसत: 59.66

 स्ट्राइक रेट: 200+

इस सीरीज में वैभव ने न केवल रन बनाए हैं, बल्कि मैच का रुख बदलने की ताकत भी दिखाई है। अब सवाल यह है कि क्या उन्हें जल्द ही अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम या आईपीएल स्काउट्स का बुलावा मिलेगा?

भारत की बल्लेबाजी को दी नई पहचान

अंडर-19 टीमों के मैच आमतौर पर रणनीति आधारित होते हैं, जहां ओपनर्स टिककर खेलना पसंद करते हैं। लेकिन वैभव ने यह फॉर्मूला ही बदल दिया।उनकी बल्लेबाजी में जो बात सबसे खास रही, वह थी गेंदबाजों को पढ़ने की क्षमता। पेस और स्पिन दोनों पर समान आक्रामकता। सीमाओं का आकलन और मैदान का इस्तेमाल। टीम इंडिया के लिए यह एक संकेत हो सकता है कि अब युवा खिलाड़ी भी सीनियर टीम के स्टाइल में खेलने लगे हैं, और भविष्य की टीम को वैभव जैसे एक्सप्लोसिव बैट्समैन तैयार कर रहे हैं।