UP NEWS: जातीय घटनाओं पर सीएम योगी सख्त, इटावा, कौशांबी और औरैया के अफसरों को लगाई फटकार
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में हाल ही में घटी जातीय घटनाओं ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद नाराज़ हैं। बुधवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा के लिए बुलाई गई एक मैराथन बैठक में उन्होंने संबंधित अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई और चेतावनी दी कि ऐसी घटनाएं किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएंगी।
सीएम योगी की सख्त चेतावनी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैठक में साफ शब्दों में कहा कि जातीय तनाव फैलाने वाली घटनाएं प्रदेश के हित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि कुछ अराजक तत्व सुनियोजित तरीके से सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जो स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने इटावा में कथावाचक के साथ हुई बदसलूकी, कौशांबी और औरैया में हुई घटनाओं को उदाहरण स्वरूप सामने रखते हुए संबंधित पुलिस अधिकारियों को फटकार लगाई।
तीन जिलों के पुलिस अधीक्षक निशाने पर
सीएम योगी ने विशेष रूप से इटावा, कौशांबी और औरैया के पुलिस अधीक्षकों को फटकारते हुए कहा कि ऐसी लापरवाही को माफ नहीं किया जाएगा। साथ ही उन्होंने मुजफ्फरनगर और अन्य संवेदनशील जिलों की स्थिति पर भी नाराजगी जताई और सख्त निगरानी रखने के निर्देश दिए।
साजिशों का पर्दाफाश करें, दोषियों को उजागर करें
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि जातीय हिंसा भड़काने की किसी भी कोशिश को तत्काल कुचल दिया जाए। उन्होंने कहा कि दोषियों की पहचान सार्वजनिक करें और उनके खिलाफ तुरंत सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि कार्रवाई के लिए शासन से आदेश की प्रतीक्षा न की जाए, बल्कि मौके पर ही कानून सम्मत कार्रवाई की जाए।
जातीय सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश को रोकें
मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा कि प्रदेश में जातीय विद्वेष फैलाने वाली किसी भी कुत्सित कोशिश को सफल नहीं होने दिया जाएगा। प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे पूरे सतर्कता के साथ ऐसे मामलों की निगरानी करें और छोटी से छोटी घटना को भी गंभीरता से लें।
कानून-व्यवस्था बनी रहे प्राथमिकता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस बैठक का उद्देश्य स्पष्ट था — प्रदेश में कानून-व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देना और सामाजिक सौहार्द को हर हाल में बनाए रखना। उन्होंने अफसरों से कहा कि जनविश्वास को बनाकर रखने के लिए अपराध और अराजकता के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति पर अमल हो।