UP weather: यूपी में हुई बेमौसम बारिश से कहीं खुशी कहीं गम, बारिश से खेतों में खड़ी और कटी पड़ी फसल को हुआ नुकसान

लखनऊ: गुरुवार को उत्तर प्रदेश के कई जिलों में अचानक मौसम बदल गया। वाराणसी, बहराइच, गोंडा, रायबरेली, बाराबंकी, आजमगढ़, बस्ती, कानपुर, फतेहपुर और गोरखपुर समेत कई इलाकों में तेज बारिश और धूल भरी आंधी चली। इससे आम लोगों को गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली, लेकिन किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
खेतों में खड़ी और कटी फसलें भीग गईं
इस बेमौसम बारिश और आंधी का सबसे ज्यादा असर गेहूं की फसल पर पड़ा है। कई जगहों पर फसल काटकर खेतों में रखी गई थी, जो अब भीग गई है। वहीं, जहां फसल अब तक कटी नहीं थी, वहां भी तेज हवाओं से नुकसान हुआ है। बहराइच में ओले भी गिरे और 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज आंधी चली। इससे गेहूं, सरसों और गन्ने की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। खेतों में जलभराव हो गया और लगभग 20-25% फसलें बर्बाद हो गईं।
पेड़ गिरे, बिजली खंभे टूटे
गोंडा, रायबरेली और वाराणसी में आंधी के कारण कई पेड़ गिर गए और टिन शेड उड़ गए। गोंडा में तो बिजली के खंभे और तार तक टूट गए, जिससे कई इलाकों में बिजली सप्लाई बाधित हो गई।
किसानों की बढ़ी चिंता
किसानों का कहना है कि कटी हुई फसल में पानी भर गया है, जिससे अब नुकसान होना तय है। वहीं, गन्ने की नई बुवाई पर भी असर पड़ा है। कुछ जगहों पर बोई गई गन्ने की फसल में जमाव को लेकर भी चिंता जताई जा रही है।
गोरखपुर में थोड़ा राहत
गोरखपुर में बुधवार रात बारिश जरूर हुई, लेकिन वहां नुकसान कम रहा। कृषि विभाग के उप निदेशक अरविंद सिंह ने बताया कि खड़ी फसल की चमक जरूर जा सकती है, लेकिन अगर जल्द धूप निकलती है, तो नुकसान टल सकता है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम वैज्ञानिक डॉ. सीताराम मिश्रा ने बताया कि यह बदलाव पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हुआ है। पूरब और पश्चिम से चलने वाली हवाओं के टकराव से आंधी और बारिश हुई है। अगले 24 घंटे में भी 30 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी आ सकती है, हालांकि बारिश कम होने की उम्मीद है।
कानपुर में ओलावृष्टि, गेहूं की 70% कटाई पूरी
कानपुर और आसपास के इलाकों में गुरुवार सुबह तेज आंधी और ओलावृष्टि हुई। यहां 7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। चंद्रशेखर आज़ाद कृषि विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ. सुनील पांडेय ने बताया कि अप्रैल के मध्य तक यहां लगभग 60 से 70 प्रतिशत गेहूं की कटाई हो जाती है। जिन किसानों ने समय पर (नवंबर तक) गेहूं बोया था, उनकी फसल सुरक्षित है, लेकिन जिन्होंने देर से बोआई की थी, उनकी फसल अब प्रभावित हो रही है। पकी हुई फसल पर पानी गिरने से दाने दागी हो सकते हैं।
आम और मक्के की फसल को मिला फायदा
इस बारिश से मक्का और आम की फसल को फायदा होगा। हालांकि, जहां ओले गिरे हैं, वहां आम के बौर को थोड़ा नुकसान जरूर पहुंचा है।
मुख्यमंत्री ने दिए राहत के निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे प्रभावित इलाकों का दौरा करें, राहत कार्यों पर नजर रखें और किसानों को जल्द से जल्द सहायता उपलब्ध कराएं। साथ ही फसल नुकसान का मूल्यांकन करके रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजने को भी कहा गया है।