कैमरे में कैद हुआ मिर्ज़ापुर स्टाइल में अपहरण! चाट की दुकान से हुआ शख्स की किडनैपिंग, देखें वायरल वीडियो
घटना के दौरान दो युवक एक बाइक पर आए और एक स्ट्रीट फूड विक्रेता के पास चाट खा रहे व्यक्ति को नकली अपहरण करने का नाटक किया। उन्होंने उसके चेहरे पर कपड़ा डालकर बेहोश करने का नाटक किया और उसे अपनी बाइक पर ले जाने की कोशिश की।
fake kidnapping viral video: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खतौली में एक अजीबोगरीब घटना के दौरान चार युवकों को गिरफ्तार किया गया, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर एक सनसनीखेज रील शूट करने के लिए एक नकली अपहरण का नाटक किया। इस घटना में अपहरण का शिकार दिखने वाला व्यक्ति और एक अन्य व्यक्ति, जो इस पूरे "अपहरण" का वीडियो शूट कर रहा था, भी शामिल थे।
घटना का विवरण
घटना के दौरान दो युवक एक बाइक पर आए और एक स्ट्रीट फूड विक्रेता के पास चाट खा रहे व्यक्ति को नकली अपहरण करने का नाटक किया। उन्होंने उसके चेहरे पर कपड़ा डालकर बेहोश करने का नाटक किया और उसे अपनी बाइक पर ले जाने की कोशिश की। इस बीच, आसपास के स्थानीय लोगों ने इस घटना को देखकर उन्हें रोक लिया। कुछ लोगों ने इस घटना को अपने मोबाइल से भी रिकॉर्ड किया।
जब अपहरणकर्ताओं ने स्थानीय लोगों से बहस की, तब उन्होंने कैमरे की ओर इशारा करते हुए खुलासा किया कि यह सिर्फ एक वीडियो शूट था। इसके बाद वे हंसने लगे और पूरी स्थिति को मजाक के रूप में पेश किया। बाद में, वीडियो को मिर्जापुर टीवी श्रृंखला के थीम गीत के साथ संपादित कर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया, जहां यह तेजी से वायरल हो गया।
पुलिस कार्रवाई
हालांकि वीडियो मजाक के रूप में बनाया गया था, लेकिन सोशल मीडिया पर इसे देखने के बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी। लोगों में दहशत फैलाने और कानून-व्यवस्था के उल्लंघन के कारण पुलिस ने चारों लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बयान जारी कर बताया कि "फर्जी अपहरण" का यह वीडियो जनता में भ्रम और भय पैदा कर सकता था, इसलिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस हरकत की तीखी आलोचना हुई। यूजर्स ने इन युवकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। एक यूजर ने व्यंग्य करते हुए कहा, "अब वे कुछ दिनों के लिए जेल में रील बनाएंगे, एडिटिंग और अपलोडिंग वहीं से होगी।" जबकि एक अन्य यूजर ने लिखा, "ये सभी रील के नाम पर समाज में गंदगी फैला रहे हैं। इससे समाज में गलत संदेश जाएगा! यूपी पुलिस को इन्हें उचित सजा देनी चाहिए।"
इस घटना ने सोशल मीडिया पर वायरल कंटेंट के लिए कानून और सामाजिक जिम्मेदारी की सीमाओं को पार करने पर एक बहस छेड़ दी है।