UP NEWS: इन सात जिलों के आर्थिक क्षेत्र से चमकेगी पूर्वांचल की तस्वीर, नीति आयोग ने तैयार किया प्रस्ताव
लखनऊ: नीति आयोग ने पूर्वांचल में वाराणसी-प्रयागराज आर्थिक क्षेत्र बनाने का सुझाव दिया है इस सुझाव में पूर्वांचल की तस्वीर चमकने की बात कही जा रही है इसे धार्मिक आध्यात्मिक पर्यटन के साथ ही कला व संस्कृति का प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। इस पूरे क्षेत्र को मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक का हब भी बनाने का प्रस्ताव रखा गया है कृषि के साथ-साथ बागवानी और डेयरी उद्योगों को भी यहां बढ़ावा दिया जाएगा इससे वाराणसी प्रयागराज का आर्थिक विकास भी होगा। नीति आयोग ने सुझाव भेजा है अब राज्य सरकार इस पर जल्द ही काम शुरू करने वाला है।
नीति आयोग के सीईओ बीआर सुब्रमण्यम ने ग्रोथ हब कार्यक्रम के तहत मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह के समक्ष यह प्रस्ताव रखा है। की वाराणसी प्रयागराज आर्थिक क्षेत्र का प्रस्तुतीकरण दिया जाए इस क्षेत्र को धार्मिक आध्यात्मिक नगरी के साथ ही योग स्वास्थ्य अभियान सिटी के रूप में विकसित करने की बात कही। इसे विकसित करने के बाद लोगों को ढेर सारी सुविधाएं मिलेंगी उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा यहां आकर लोग शरीर मन और आत्मा से स्वस्थ महसूस कर सके। इसके साथ यहां पर पर्यटन को भी बढ़ावा देने पर विचार चल रहा है ताकि विदेशी सैलानी अगर यहां आए तो 5 से 6 दिन यहां जरूर ठहरे।
इन जिलों को किया गया है शामिल
इस आर्थिक क्षेत्र में कुल सात जिलों को शामिल करने की योजना बनाई जा रही है इसमें सबसे पहले चंदौली फिर गाजीपुर जौनपुर, मिर्जापुर, प्रयागराज में भदोही वाराणसी जिले का नाम शामिल है इसका दायरा करीब 22393 वर्ग किलोमीटर रखा गया है नीति आयोग का मानना है की इस क्षेत्र के विकसित होने से 5 वर्ष में अर्थव्यवस्था दुगनी हो जाएगी इन क्षेत्रों का तेजी से विकास होगा आयोग ने बताया कि वर्तमान में इन सात जिलों की 300 करोड डॉलर की अर्थव्यवस्था है साल 2030 तक यहां की अर्थव्यवस्था 5 से 6000 करोड़ होने की संभावना है।
तीन नए शहर बसाने की भी योजना
नीति आयोग में जो प्रस्ताव दिया है उसके अनुसार इस क्षेत्र में तीन से चार नए शहर भी बसाए जाएंगे आयोग का मानना है यहां पर मैन्युफैक्चरिंग और लॉजिस्टिक का हब बनने से रोजगार के अवसर भी तेजी से बढ़ेंगे लोग इन क्षेत्रों की तरफ रुख करेंगे चाहे रोजगार के लिए या पर्यटन के लिए इस पूरे क्षेत्र को विकसित करने के लिए 4000 एकड़ भूमि की भी जरूरत होगी आयोग ने कहा इसके लिए 21 प्रोजेक्ट के भी सुझाव दिए हैं।