Fertility rate: घटती जनसंख्या से परेशान हो रहा है भारत का ये पड़ोसी मुल्क, बच्चे पैदा करने के लिए देने जा रहा लाखों रुपये

Fertility rate: चीन की घटती जनसंख्या से परेशान सरकार ने नए माता-पिता को आर्थिक प्रोत्साहन देने की योजना शुरू की है। जानिए इस योजना का उद्देश्य, आंकड़े और वैश्विक तुलना।

चीन की गिरती जनसंख्या- फोटो : SOCIAL MEDIA

China Fertility rate:चीन, जो कभी दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाला देश था, अब एक जनसांख्यिकीय आपातकाल की ओर बढ़ रहा है। 1980 में लागू की गई 'वन चाइल्ड पॉलिसी' के दूरगामी परिणाम अब सामने आ रहे हैं। यहां साल 2022 में  पहली बार 60 वर्षों में जनसंख्या में गिरावट देखी गई थी। 2023 में जनसंख्या 1.409 बिलियन से घटकर 1.408 बिलियन हो गई। 2024 में ये सिलसिला जारी है। यह गिरावट न केवल आर्थिक विकास के लिए खतरा बन रही है, बल्कि वृद्ध होती आबादी और कार्यबल की कमी जैसी समस्याएं भी उभर रही हैं।

1 जनवरी 2025 से लागू होने वाली चीन सरकार की नई योजना के तहत प्रत्येक नवजात के लिए माता को सालाना 3,600 युआन (लगभग ₹42,000) दिए जाएंगे। यह राशि तीन वर्षों तक दी जाएगी, जिससे कुल ₹1.26 लाख तक की मदद मिलेगी। यह योजना अभी प्रारंभिक रूप में है और स्टेट काउंसिल इंफॉर्मेशन ऑफिस द्वारा इसकी पुष्टि नहीं की गई है। इसके साथ ही, कुछ क्षेत्रीय सरकारें अधिक आक्रामक कदम उठा रही हैं, 

होहोट (इनर मंगोलिया): दूसरे बच्चे पर 50,000 युआन

तीसरे बच्चे पर 100,000 युआन

क्या आर्थिक प्रोत्साहन कारगर होंगे?

हाल ही में हुए एक सर्वेक्षण में 1.44 लाख माता-पिता से बात की गई, जिसमें सामने आया, जिसमें केवल 15% पेरेंट्स अधिक बच्चे चाहते थे, जब उन्हें 1,000 युआन की सब्सिडी की पेशकश हुई, तब यह संख्या बढ़कर 8.5% और हुई। यह बताता है कि फाइनेंशियल इंसेंटिव्स का कुछ प्रभाव ज़रूर है, लेकिन दीर्घकालीन समाधान के लिए और भी प्रयास जरूरी हैं।

थ्री चाइल्ड पॉलिसी भी असफल क्यों रही?

चीन ने 1980 की वन चाइल्ड पॉलिसी को हटाकर 2016 में टू चाइल्ड पॉलिसी और फिर 2021 में थ्री चाइल्ड पॉलिसी लागू की। लेकिन इसके बावजूद महंगाई, काम का दबाव, शहरीकरण, और महिलाओं की शिक्षा और करियर प्राथमिकताएं जैसे कारणों से लोग बड़े परिवार से बच रहे हैं। यानी कि नीतिगत बदलाव मात्र पर्याप्त नहीं हैं।

क्या अन्य देश भी इसी समस्या से जूझ रहे हैं?

चीन अकेला देश नहीं है जो जन्म दर गिरने से परेशान है।  दक्षिण कोरिया मासिक सब्सिडी को 700,000 KRW से बढ़ाकर 1 मिलियन KRW किया गया। परिणाम: 9 वर्षों में पहली बार 3.1% की वृद्धि जन्म दर में जापान: 2005 से हजारों चाइल्ड केयर सेंटर बनाए गए। इससे प्रजनन दर में 0.1 पॉइंट का सुधार हुआ है। ये उदाहरण बताते हैं कि बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक समर्थन के बिना सिर्फ नकद राशि देना ज्यादा प्रभावी नहीं होता।